वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिन का काशी दौरा लोकसभा चुनाव 2024 का ब्लूप्रिंट तैयार कर गया है. नरेंद्र मोदी का वाराणसी दौरा हर चुनाव में अपनी छाप छोड़ जाता है. 23 फरवरी के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने यह तय कर दिया है कि आने वाले पांच साल में भाजपा देश में कौन से बड़े बदलाव करने वाली है. इसके साथ ही उन्होंने अपने दस साल के कार्यकाल का भी रिपोर्ड कार्ड पेश किया.
बीएचयू में युवाओं से, सीर गोवर्धनपुर में रैदासियों से और करखियांव में किसानों से उन्होंने संवाद किया. करखियांव में आयोजित हुई जनसभा में वाराणसी जोन के सभी दस जिलों को साधने की कोशिश की गई. इन सभी को मिलाकर उन्होंने 2024 का एजेंडा सेट कर दिया.
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी हैं. वहीं वाराणसी से सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी मिशन मोड ऑन कर दिया है. खास बात ये है कि चाहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इनका 24 घंटों का काम चुनावी मोड में ही रहता है.
वह चुनाव आने से पहले ही तैयारियां कर रहे होते हैं. इस बात को ऐसे समझ सकते हैं कि देश में राम मंदिर के मुद्दे से लेकर हाईवे, एक्सप्रेस-वे और एयरपोर्ट पर खूब काम हुए हैं. उत्तर प्रदेश विकास कार्यों और शासन की नीतियों को लेकर देश में अग्रणी राज्य बना हुआ है. इन सभी काम को अब भाजपा गिनाने के लिए निकली है. पीएम मोदी ने आज अपने 10 साल के काम गिनाए हैं.
2019 के चुनाव में भाजपा की सीटें हुई थीं कम: राजनीतिक विश्लेषक रवि प्रकाश पांडेय बताते हैं कि, भाजपा चुनाव जीतने के बाद ही अगले पांच साल का चुनावी एजेंडा सेट कर लेती है. इन पांच सालों में मिशन मोड में काम करती है. बीते सात साल के कार्यकाल में अगर यूपी में देखें तो निवेश से लेकर मंदिर निर्माण, अस्पताल सब काम सरकार ने दिखाए हैं.
ऐसे में एक बड़ा वोट बैंक उनके पास है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन किया था. 62 सीटें एनडीए गठबंधन के खाते में आई थीं. मगर साल 2014 के मुकाबले 9 सीटों का भाजपा को नुकसान भी हुआ था. ऐसे में उन सीटों की भरपाई के लिए पीएम मोदी पूर्वांचल को साध रहे हैं.
भाजपा का 80 सीटें जीतने का है लक्ष्य: उनका कहना है कि, 2019 चुनाव में भाजपा ने पूर्वांचल में गाजीपुर, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, अम्बेडकर नगर की सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि आजमगढ़ में उपचुनाव के बाद भाजपा वह सीट जीत गई, लेकिन साख का सवाल बनी घोसी की सीट पर उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
ऐसे में भाजपा इन सीटों पर कब्जा पाने का प्रयास कर रही है. ऐसा भी कह सकते हैं कि इस बार भाजपा प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अन्य सीटों पर तो भाजपा की पकड़ सही दिखाई दे रही है. मगर पूर्वांचल में भाजपा को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. जहां 2014 में अंबेडकरनगर में भाजपा को जीत मिली थी, 2019 में यह सीट बसपा के खाते में चली गई.
वाराणसी जोन के दस जिलों को कवर किया: राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि, करखियांव की जनसभा आयोजित किया जाना एक बड़ा फैसला साबित हो सकता है. यह वाराणसी जोन के सभी दस जिलों को कवर करता है. आजमगढ़, मऊ, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, भदोही, मिर्जापुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, चंदौली के लोग इस जोन में आते हैं.
ऐसे में यहां पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए करखियांव सही स्थान है. यहां पर करोड़ों की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के बाद पीएम अपनी विकास की छवि को और भी मजबूत करके जाएंगे. जितनी बार उनका दौरा रहा है उन्होंने परियोजनाएं वाराणसी को दी हैं. साथ ही आस-पास के जिलों को फायदा मिला है. ऐसे में करखियांव का जनसभा एक अच्छा फैसला साबित हो सकता है.
दलितों को साधने का पीएम मोदी ने किया प्रयास: राजनीतिक विश्लेषक रवि प्रकाश पांडेय बताते हैं कि, वाराणसी का विकास कार्य आज पूरा देश देख रहा है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का जिक्र वे हर बार करते रहे हैं. आज की जनसभा में भी उन्होंने इस बात का जिक्र किया है.
इसके साथ ही रैदासियों के साथ जनसभा में उनके सरकार की परियोजनाओं को गिनाकर यह साबित करने की कोशिश की है कि हम उनके साथ हैं. जहां विकास के मुद्दे पर भाजपा को अच्छा खासा वोट मिल जाता है को वहीं दलित और पिछड़ों को साधने के लिए पीएम मोदी ने आज संत रविदास के जन्म जयंती कार्यक्रम में शामिल होकर लगभग 100 करोड़ की योजना की सौगात दे दी है.
आंकड़ों में समझे भाजपा लड़ कहां रही है: अब अगर हम आंकड़ों पर बात करें तो कुछ ये समझ आता है. पूर्वांचल में कुल 26 लोकसभा और 130 विधानसभा सीटें हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस पूर्वांचल में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी थी. बसपा ने दलित, मुस्लिम और यादव समीकरण को लेकर करीब आधा दर्जन सीटों पर कब्जा जमाया.
यहां भाजपा ने 27 लोकसभा क्षेत्रों को काशी और गोरखपुर क्षेत्र में बांटा है. काशी क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास 12 सीटें हैं, जबकि गोरखपुर क्षेत्र की 13 में से 10 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में हैं. अब जिन सीटों पर लड़ाई है वे सीटें हैं अंबेडकरनगर, लालगंज, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर सीट, जिनपर पर बसपा का कब्जा है. वहीं काशी और गोरखपुर जोन का मुख्यालय वाराणसी और गोरखपुर ही लगता है.
पूर्वांचल में रोजगार के अवसर, बढ़ेगी आय: पीएम मोदी ने बनारस में जो उद्घाटन किए हैं, उससे एक बड़ी आबादी पूर्वांचल की लाभ उठाने वाली है. बनास डेयरी के उद्घाटन से सबसे ज़्यादा फायदा बनारस और आस पास के जिलों को होगा. इसमें किसानों, पशुपालकों को जबरदस्त फायदा होने की उम्मीद है. उनकी आय में वृद्धि होगी. वे न सिर्फ गाय या भैस की दूध बल्कि गोबर भी बेच सकेंगे.
प्लांट में गोबर से बायो सीएनजी बनाई जाएगी. इस प्लांट के माध्यम से तीन लाख से अधिक किसानों की आय बढ़ेगी. वाही अन्य परियोजनाओं में दूध प्रसंस्करण इकाई और बुनकरों के लिए रेशम कपड़े की छपाई की सुविधा जैसे उद्घाटन शमिल हैं. ऐसे में अलग अलग वर्ग को साधते हुए पीएम ने पूर्वांचल में रोजगार के अवसर खोल दिए हैं. इसका भी फायदा चुनाव में देखने को मिलेगा.