ETV Bharat / state

त्रिवेणी कला संगम में भगत सिंह के जीवन की सच्ची घटनाओं पर आधारित नाटक का मंचन - biography of Bhagat Singh staged

दिल्ली के मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में भगत सिंह की जीवनी पर आधारित एक नाटक की प्रस्तुति दी गई है. गगन दमामा बाज्यो' नाम का ये नाटक भगत सिंह की जीवनी पर आधारित है. सच्ची घटनाओं पर आधारित इस नाटक को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है.

त्रिवेणी कला संगम में भगत सिंह की जीवनी पर आधारित नाटक का मंचन
त्रिवेणी कला संगम में भगत सिंह की जीवनी पर आधारित नाटक का मंचन (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 14, 2024, 7:59 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में भगत सिंह की जीवनी पर आधारित एक नाटक की प्रस्तुति की गई. 'गगन दमामा बाज्यो' नाम के इस नाटक को ज्योति आर्ट्स 'रंगमंडल' द्वारा प्रस्तुत किया गया. करीब 2 घंटे के नाटक ने दर्शकों का मन मोह लिया. इसे देखने के लिए लोग उमड़े.

निर्देशक सज्जाद हुसैन खान ने ईटीवी भारत को बताया कि 'गगन दमामा बाज्यो' नाटक को पीयूष मिश्रा द्वारा लिखा गया है. भगत सिंह की जीवनी पर आधारित इस बेहतरीन नाटक को भारत में अभी तक नहीं लिखा गया है. इस नाटक के आधार पर ही लीजेंड ऑफ भगत सिंह बॉलीवुड की एक बेहतरीन फिल्म बनाई गई है. जिसमें अजय देवगन ने भगत सिंह का रोल निभाया था, वह भी बनी है.

इससे पहले भी उन्होंने भगत सिंह के कई नाटकों को पढ़ा है, जिसमें उनको भी खामियां नजर आती है. उन नाटकों में केवल आजादी और नारेबाजी की बात की गई है, बल्कि पीयूष मिश्रा द्वारा लिखित 'गगन दमामा बाज्यो' नाटक में भगत सिंह की पूरी जीवनी उनकी प्रेम कहानी बचपन की यादें सभी को जोड़ करके लिखा गया.

नाटक को पढ़ने के बाद भगत सिंह की जीवनी के कई सारे रहस्य खुला. किस तरह उनके मृत शरीर को आधा जला हुआ छोड़ दिया गया था. इसके अलावा इस नाटक में भगत सिंह की जिंदगी का भी वर्णन किया गया है. नाटक में इस बात का भी वर्णन किया गया है कि उन्होंने किस तरह अपनी पारिवारिक जिंदगी छोड़कर के जीवन देश के नाम किया.

सज्जाद हुसैन का कहना है कि अपने जीवन में सभी को एक बार इस नाटक को जरुर देखना चाहिए, क्योंकि इससे बड़ा लिटरेचर साहित्य और सिनेमा जगत में में नहीं है. नाटक को 1994 में काफी रिसर्च और अध्ययन सत्य घटना से संबंधित लोगों से जानकारी लेने के बाद लिखा गया था.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में रामलीला मंचन की तैयारियां शुरू, बिंदु दारा सिंह बनेंगे हनुमान, तो रावण के किरदार में दिखेंगे शाहबाज खान

बता दें कि दिल्ली में पहली बार 'गगन दमामा बाज्यो' नाटक का मंचन किया गया है. इससे पहले इलाहाबाद में इसकी एक और प्रस्तुति की जा चुकी है. पीयूष मिश्रा ने जो नाटक लिखा है इसका मंचन साढे तीन घंटे का है. इसमें करीब 10 गाने हैं जिन गानों की कुछ पंक्तियों को सैयद ने अपने इस नाटक में जोड़ा है. डेढ़ घंटे के नाटक की कटौती के बावजूद भी निर्देशक का प्रयास ये रहा था कि नाटक की जान खत्म न होने दें. नाटक में संगीत मोहन सागर ने दिया है. वहीं सह-निर्देशन-ज्योति जेलिया और प्रकाश उत्पल झा परिकल्पना की गई है.

ये भी पढ़ें : NSD रंगमंडल के 60 वर्ष पूरे होने पर होगा 'हीरक जयंती नाट्य समारोह', 18 दिन में होंगे नौ नाटक

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में भगत सिंह की जीवनी पर आधारित एक नाटक की प्रस्तुति की गई. 'गगन दमामा बाज्यो' नाम के इस नाटक को ज्योति आर्ट्स 'रंगमंडल' द्वारा प्रस्तुत किया गया. करीब 2 घंटे के नाटक ने दर्शकों का मन मोह लिया. इसे देखने के लिए लोग उमड़े.

निर्देशक सज्जाद हुसैन खान ने ईटीवी भारत को बताया कि 'गगन दमामा बाज्यो' नाटक को पीयूष मिश्रा द्वारा लिखा गया है. भगत सिंह की जीवनी पर आधारित इस बेहतरीन नाटक को भारत में अभी तक नहीं लिखा गया है. इस नाटक के आधार पर ही लीजेंड ऑफ भगत सिंह बॉलीवुड की एक बेहतरीन फिल्म बनाई गई है. जिसमें अजय देवगन ने भगत सिंह का रोल निभाया था, वह भी बनी है.

इससे पहले भी उन्होंने भगत सिंह के कई नाटकों को पढ़ा है, जिसमें उनको भी खामियां नजर आती है. उन नाटकों में केवल आजादी और नारेबाजी की बात की गई है, बल्कि पीयूष मिश्रा द्वारा लिखित 'गगन दमामा बाज्यो' नाटक में भगत सिंह की पूरी जीवनी उनकी प्रेम कहानी बचपन की यादें सभी को जोड़ करके लिखा गया.

नाटक को पढ़ने के बाद भगत सिंह की जीवनी के कई सारे रहस्य खुला. किस तरह उनके मृत शरीर को आधा जला हुआ छोड़ दिया गया था. इसके अलावा इस नाटक में भगत सिंह की जिंदगी का भी वर्णन किया गया है. नाटक में इस बात का भी वर्णन किया गया है कि उन्होंने किस तरह अपनी पारिवारिक जिंदगी छोड़कर के जीवन देश के नाम किया.

सज्जाद हुसैन का कहना है कि अपने जीवन में सभी को एक बार इस नाटक को जरुर देखना चाहिए, क्योंकि इससे बड़ा लिटरेचर साहित्य और सिनेमा जगत में में नहीं है. नाटक को 1994 में काफी रिसर्च और अध्ययन सत्य घटना से संबंधित लोगों से जानकारी लेने के बाद लिखा गया था.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में रामलीला मंचन की तैयारियां शुरू, बिंदु दारा सिंह बनेंगे हनुमान, तो रावण के किरदार में दिखेंगे शाहबाज खान

बता दें कि दिल्ली में पहली बार 'गगन दमामा बाज्यो' नाटक का मंचन किया गया है. इससे पहले इलाहाबाद में इसकी एक और प्रस्तुति की जा चुकी है. पीयूष मिश्रा ने जो नाटक लिखा है इसका मंचन साढे तीन घंटे का है. इसमें करीब 10 गाने हैं जिन गानों की कुछ पंक्तियों को सैयद ने अपने इस नाटक में जोड़ा है. डेढ़ घंटे के नाटक की कटौती के बावजूद भी निर्देशक का प्रयास ये रहा था कि नाटक की जान खत्म न होने दें. नाटक में संगीत मोहन सागर ने दिया है. वहीं सह-निर्देशन-ज्योति जेलिया और प्रकाश उत्पल झा परिकल्पना की गई है.

ये भी पढ़ें : NSD रंगमंडल के 60 वर्ष पूरे होने पर होगा 'हीरक जयंती नाट्य समारोह', 18 दिन में होंगे नौ नाटक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.