पिथौरागढ़: विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकर राज की कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 80 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा ना करने पर दोषी को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
नाबालिग का अपहरण कर किया रेप: शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक एक युवक ने साल 2020 में एक नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर उसका शारीरिक शोषण किया. पीड़िता के पिता ने बेटी के गायब होने की तहरीर पिथौरागढ़ के पांगला थाने में दी, जिसके बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू की. युवक पिथौरागढ़ में अपनी बुआ के घर रह रही नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया. जहां उसका शारीरिक शोषण किया. पूरे मामले में पुलिस ने 12 दिसंबर 2020 को मामला दर्ज कर आरोपी को गलाती, निंगालपानी में एक पुराने और सुनसान भवन से नाबालिग को बरामद करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया था.
कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा और लगाया अर्थदंड: पूछताछ में पीड़िता ने पुलिस को आपबीती बताई तो आरोपी के खिलाफ धारा 363, 366, और 376 के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. तब से यह मामला न्यायालय में चल रहा था जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी पाते हुए उसे 20 साल की कठोर सजा सुनाई है. साथ ही 80 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है.इस मामले में पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत और प्रेम भंडारी ने की.
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