पीलीभीत: यूं तो यूपी के पीलीभीत का टाइगर रिजर्व बाघों के दीदार के लिए सुर्खियों में रहता है. लेकिन, इस बार बाघों की सड़क पर हुई लड़ाई ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल को सुर्खियों में ला दिया है. दरअसल, पीलीभीत में दो बाघ टेरिटोरियल फाइट करने के लिए जंगल से निकलकर रास्ते पर आ गए.
रास्ते पर लड़ते बाघों पर राहगीरों की नजर पड़ी तो उन्होंने पूरे मामले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. साथ में दो बाघों की फाइट का वीडियो भी बना लिया. अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बाघों की निगरानी शुरू कर दी है.
दरअसल मंगलवार को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में मैनाकोर्ट पुलिस चौकी के पास दो बाघ टेरिटोरियल फाइट के चलते आमने-सामने आ गए. दो बाघों के बीच जंगल में शुरू हुई टेरिटोरियल फाइट रास्ते तक आ गई. दोनों टाइगर आपस में लड़ते-लड़ते पीलीभीत टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले खटीमा मार्ग पर आ गए.
रास्ते में लड़ाई कर रहे बाघों पर जब राहगीरों की नजर पड़ी तो पूरे मामले की सूचना राहगीरों ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को दी. टेरिटोरियल फाइट की जानकारी मिलने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कर्मचारी मौके पर जा पहुंचे और पटाखे बजाकर दोनों बाघों को अलग किया.
दो बाघों के बीच हुए संघर्ष के दौरान एक बाघ को चोट भी लगी है. घटना के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह वेटरनरी डॉक्टर दक्ष गंगवार के साथ मौके पर जा पहुंचे. टाइगर की चोट का डॉक्टर से परीक्षण कराया गया.
परीक्षण के दौरान पाया गया कि टाइगर को लगी चोट ज्यादा गंभीर नहीं है. डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि दो बाघ टेरिटोरियल फाइट के चलते आमने-सामने आ गए थे, जंगल में यह टेरिटोरियल फाइट आम बात है. लेकिन, इस बार यह लड़ाई सड़क तक आ गई, इसलिए मामले ने तूल पकड़ लिया है. फिलहाल मौके पर निगरानी के लिए चार टीमों को तैनात किया गया है.
727 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है पीलीभीत टाइगर रिजर्व: पीलीभीत टाइगर रिजर्व को 2014 में बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था. जो भारत-नेपाल सीमा पर ऊपरी गंगा मैदान के तराई क्षेत्र में फैला हुआ है. शारदा और घाघरा नदी के बीच में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व 727 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है. यहां पर बाघ के अलावा 5 प्रजाति के हिरण, बंगाल टाइगर, बारहसिंगा, रीछ, चमगादड़, मगरमच्छ, घड़ियाल समेत कई जानवर पाए जाते हैं.
चूका झील करती है पर्यटकों को आकर्षित: पीलीभीत टाइगर रिजर्व को चुका टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, यहां पर एक झील है, जिसका नाम चुका है. इस झील को देखकर ऐसा लगता है जैसे कि किसी समुद्र के किनारे आ गए हों. पर्यटकों के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व और चुका लेक नवंबर से जून तक खुला रहता है. जुलाई से अक्टूबर तक यहां जाने पर प्रतिबंध रहता है. चुका लेक के अलावा यहां पर्यटक सफारी करने के लिए भी आते हैं.
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