रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने एक बार फिर से केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का विरोध किया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है आपदा के बाद मंदिर परिसर के आगे जो रास्ता तैयार किया गया था, उसी रास्ते को प्रशासन ने तुड़वा दिया है. जिससे मंदिर के आगे के रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए हैं. तीर्थ पुरोहितों ने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारी जान-बूझकर ऐसे कार्य कर रहे हैं.
तीर्थ पुरोहितों के ढाबों और घरों को नुकसान: तीर्थ पुरोहितों ने कहा जब रास्ता अच्छा था, तो दोबारा यहां तोड़फोड़ क्यों की गई? तोड़फोड़ की वजह से तीर्थ पुरोहितों के ढाबों और घरों को भी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि 2013 में आई आपदा से केदारनाथ धाम की स्थिति बुरी हो गई है. करोड़ों रूपये खर्च करके प्रशासन ने ही मंदिर के आगे रास्ता तैयार किया था.
केदारनाथ धाम में मनमर्जी से हो रहा काम: केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ धाम में मनमर्जी से कार्य हो रहा है. प्रशासन अपनी मर्जी से रास्ते और घर को तुड़वाया रहा है और मंदिर की भव्यता को समाप्त कर रहा है. उन्होंने कहा कि जो रास्ता पहले तैयार किया गया था, उसे अब तोड़ा गया है. रास्ते के साथ-साथ तीर्थ पुरोहितों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है.
10 मई को केदारपुरी हो सकती है बंद: संतोष त्रिवेदी ने कहा कि प्रशासन की यह दादागिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रशासन के खिलाफ केदारनाथ धाम के लोगों में भारी आक्रोश है. प्रशासन के इस प्रकार के निर्णयों के खिलाफ 10 मई को केदारपुरी बंद हो सकती है. उन्होंने कहा कि वह विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इस प्रकार के कार्यों के विरोधी हैं.
सरकार पर आपदा जैसी स्थिति पैदा करने का आरोप: तीर्थ पुरोहित किशन बगवाड़ी ने कहा कि तीर्थहित में कार्य होने चाहिए और ऐसे कार्य होने चाहिए कि यात्री यहां से अच्छा संदेश लेकर जाएं, लेकिन सरकार ने यात्रा शुरू होने से पहले धाम में आपदा जैसी स्थिति पैदा कर दी है. तीर्थ पुरोहित, मजदूर और व्यापारी सरकार के इन निर्णयों के खिलाफ हैं और सभी ने कपाट खुलने के दिन दस मई को बंद का आह्वान किया है.
ये भी पढ़ें-