हजारीबागः नगर निगम कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से हजारीबाग में साफ सफाई का काम पूर्ण रूप से ठप हो गया है. आलम यह है कि अब चौक चौराहों पर कूड़े का अंबार दिखना शुरू हो गया है. बरसात के कारण दुर्गंध आना शुरू हो गया है. मुख्य बाजार में पांव रखना भी संभव नहीं हो रहा है. नगर निगम प्रशासन भी स्वीकार कर रहा है कि हड़ताल के कारण साफ सफाई नगर निगम क्षेत्र की ध्वस्त हो गई है.
नगर निगम कर्मचारी दिनचर्या के अंग बन चुके हैं. अगर नगर निगम के सफाई कर्मी एक दिन भी कूड़ा उठाने के लिए नहीं आए तो हाल बेहाल हो जाता है. ऐसे में इनकी भूमिका को समझा जा सकता है. हजारीबाग समेत पूरे राज्य भर में 23 अगस्त से नगर निगम कर्मी के सफाईमित्र अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण निगम से होने वाले सभी कार्य ठप हैं. सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से शहर की साफ-सफाई का काम पूरी तरह से बाधित है.
शहर के मुख्य सड़क, चौक-चौराहों, वार्ड के विभिन्न मोहल्लों में कचरा का डंप हो गया है. कई मार्गों पर मवेशी द्वारा कचरे को बिखेर दिया गया है. हल्की बारिश हो जाने पर भी जमा कचरे से बदबू निकलना शुरू हो गया है. गंदगी और बदबू से कूड़े के आसपास रहने वाले दुकानदार और लोगों को परेशानी हाे रही है. राहगीर नाक बंद कर कचरे के पास से गुजरते हैं. निगम कर्मी छह सूत्री मांग को लेकर 23 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाई फेडरेशन के बैनरतले कर्मी हड़ताल पर हैं.
हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र के 36 वार्डों में निगम के 484 सफाईकर्मी सफाई का कार्य करते हैं. सफाई कार्य के लिए करीब 60 वाहन का उपयोग होता है. निगम क्षेत्र से करीब 70 टीपर कचरा प्रतिदिन निकलता है. इस प्रकार पिछले चार दिनों में करीब तीन सौ गाड़ी कचरा शहर में जमा पड़ा है. नगर निगम प्रबंधन भी यह स्वीकार करता है कि हड़ताल में जाने से साफ सफाई शहर में ठप हो गई है.
नगर निगम के सफाईकर्मी झारखंड राज्य लोकल बॉडी एम्पलाइज फेडरेशन के तहत हड़ताल में हैं. इनमें वैसे कर्मी है जो अनुबंध पर बहाल हुए हैं. इसके पहले भी सफाई कर्मी 2011, 2016 और 2022 में हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला. पिछले 20 वर्षों से उनकी लड़ाई जारी है. बहरहाल सफाई कर्मियों को राज्य सरकार से उम्मीद है कि उनकी बात अवश्य स्वीकार करेंगे.
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