पटना: राज्य में चल रहे जमीन सर्वे पर रोक लगाने के लिए एक जनहित याचिका अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह द्वारा पटना हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि वर्तमान सर्वे बहुत ही त्रुटिपूर्ण है. इस जनहित याचिका में ये कहा गया है कि कोई कानूनी तंत्र नहीं अपनाया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सर्वे से स्थिति और बदतर होगी, जिसकी वजह से उक्त मामले में भविष्य में मुकदमेबाजी बढ़ेगी.
जमीन सर्वे पर रोक लगाने की मांग को लेकर PIL: वर्तमान सर्वे में आने वाली कठिनाइयों की अनदेखी की गई है. याचिकाकर्ता ने 7 सितंबर, 2024 को उक्त मामले में राज्य के मुख्य सचिव तथा राज्य के राजस्व व भूमि सुधार विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को अभ्यावेदन देने का काम भी किया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया.
'बहुत से मामले लंबित': उसके बाद याचिकाकर्ता ने इस जनहित याचिका को दायर किया. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि बहुत से ऐसे मामले हैं, जिनमें जमीन पर अधिकार को लेकर कोर्ट में मामले लंबित हैं.
बिहार में जमीन सर्वे: बिहार में भूमि विवाद के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. भूमि विवाद को कम करने के लिए सरकार जमीन सर्वे करवा रही है. सर्वे के आधार पर भूमि मालिक को जमीन स्वामित्व कार्ड देने की योजना है. प्रदेश में 45000 राजस्व ग्रामों में सर्वे किया जाना है. 2025 तक इस सर्वे के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रशांत किशोर भी कर चुके हैं हमला: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने भूमि सर्वे को शराबबंदी से भी ज्यादा खतरनाक करार दिया है. उनका कहना है कि इससे ज्यादा नुकसान होगा. उन्होंने नीतीश कुमार पर बिना किसी सर्वे और तैयारी के सर्वे का काम शुरू करवाने का आरोप लगाया था.
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