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करनाल में नहीं रुक रहे पराली जलाने के मामले, पिंगली और हेमदा गांव की जलती पराली की तस्वीरें आई सामने

करनाल में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए ड्रोन और 450 लोगों की टीम द्वारा निगरानी की जा रही है.

Stubble burning cases in Karnal
पराली जलाने वालों पर होगा एक्शन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 16, 2024, 10:18 PM IST

करनाल: पंजाब और हरियाणा में धान कटाई जारी है. ऐसे में दोनों प्रदेशों से लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. धान कटाई के बाद किसान पराली को खत्म करने के बजाए उसे जलाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए कृषि विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है. साथ ही किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. इन सबके बावजूद किसान अपनी पराली में आग लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं.

ड्रोन से हो रही निगरानी: 16 अक्टूबर को करनाल के पींघली और हेमदा गांव से पराली जलाने की तस्वीरें सामने आई थी. ऐसी तस्वीरें रोजाना सामने आ रही है. तस्वीरे यह बता रही हैं कि सरकार के तमाम स्कीमों और कानून को ताक पर रखकर पराली जलाई जा रही है. कृषि विभाग की टीम ड्रोन से पराली जलाने वालों पर नजर रख रही है, लेकिन उसके बाद भी किसान धान काटने के बाद अपने खेत में पराली में आग लगा रहे हैं.

450 लोगों की टीम का गठन: पत्रकारों से बात करते हुए करनाल जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि अभी तक 9 किसानों पर FIR दर्ज की गई है. करीब 1 लाख 7 हजार रुपए के आस-पास किसानों पर जुर्माना भी लगाया गया है. हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि बीते सालों के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन बीते सालों के तुलना में इस साल अभी से ही आसमान में काफी धुआं दिखने लगा है. प्रदूषण का सीधा असर लोगों के आंखों और गले पर पड़ रहा है. कृषि विभाग की 450 लोगों की टीम पराली जलाने वालों की निगरानी कर रही है. पराली जलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: पराली ना जलाने वाले किसानों को सरकार देती है पैसा, 30 नवंबर तक करें आवेदन

करनाल: पंजाब और हरियाणा में धान कटाई जारी है. ऐसे में दोनों प्रदेशों से लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. धान कटाई के बाद किसान पराली को खत्म करने के बजाए उसे जलाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए कृषि विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है. साथ ही किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. इन सबके बावजूद किसान अपनी पराली में आग लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं.

ड्रोन से हो रही निगरानी: 16 अक्टूबर को करनाल के पींघली और हेमदा गांव से पराली जलाने की तस्वीरें सामने आई थी. ऐसी तस्वीरें रोजाना सामने आ रही है. तस्वीरे यह बता रही हैं कि सरकार के तमाम स्कीमों और कानून को ताक पर रखकर पराली जलाई जा रही है. कृषि विभाग की टीम ड्रोन से पराली जलाने वालों पर नजर रख रही है, लेकिन उसके बाद भी किसान धान काटने के बाद अपने खेत में पराली में आग लगा रहे हैं.

450 लोगों की टीम का गठन: पत्रकारों से बात करते हुए करनाल जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि अभी तक 9 किसानों पर FIR दर्ज की गई है. करीब 1 लाख 7 हजार रुपए के आस-पास किसानों पर जुर्माना भी लगाया गया है. हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि बीते सालों के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन बीते सालों के तुलना में इस साल अभी से ही आसमान में काफी धुआं दिखने लगा है. प्रदूषण का सीधा असर लोगों के आंखों और गले पर पड़ रहा है. कृषि विभाग की 450 लोगों की टीम पराली जलाने वालों की निगरानी कर रही है. पराली जलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जा रहा है.

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