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कुरुक्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बना गांधी शिल्प बाजार, विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों ने लगाई प्रदर्शनी - KURUKSHETRA GANDHI CRAFTS MARKET

कुरूक्षेत्र में गांधी शिल्प बाजार 9 फरवरी तक चलेगा. जहां अलग-अलग राज्यों से 70 से ज्यादा शिल्पकार पहुंचे हैं.

Kurukshetra Gandhi Crafts Market
Kurukshetra Gandhi Crafts Market (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 3, 2025, 5:13 PM IST

Updated : Feb 3, 2025, 5:49 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गांधी शिल्प बाजार 10 दिन के लिए लगा हुआ है. जहां पर पूरे भारत से अलग-अलग राज्यों से 70 से ज्यादा शिल्पकार पहुंचे हैं. यहां पर उन्होंने अपनी शिल्प कला की प्रदर्शनी लगाई हुई है. यह गांधी शिल्प बाजार कुरुक्षेत्र के मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर के प्रांगण में लगाया गया है. यह 10 दिवसीय गांधी शिल्प बाजार वस्त्र मंत्रालय, ग्रीनवेल चिल्ड्रन सोसायटी नागौर के सहयोग में कला कीर्ति भवन में आयोजित किया गया है.

9 फरवरी तक चलेगा बाजार: गांधी शिल्प बाजार की शुरुआत 31 जनवरी से शुरू हुई थी. इसका समापन 9 फरवरी के दिन होगा. यहां पर दूसरे राज्यों से अपने हाथों से बनी हुई वस्तुएं लेकर शिल्पकार पहुंचे हैं. जिनको लोग खूब पसंद कर रहे हैं. खरीदारी कर रहे हैं. हरियाणा के अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग सांस्कृतिक कुरुक्षेत्र में एक स्थान पर दर्शाया गया है. कुरुक्षेत्र गांधी शिल्प बाजार में भारत के 70 से अधिक शिल्पकारों ने अपनी कृतियों की प्रदर्शनी लगाई है. बिहार की मधुबनी पेंटिंग, पंजाब की जूती के साथ अन्य कई राज्यों के विभिन्न स्टॉल यहां पर लगे हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

शिल्प बाजार में पंचधातु की मूर्ति: कविता मौर्य शिल्पकार ने कहा कि वह हाथरस से कुरुक्षेत्र में पहुंची है. जहां पर उन्होंने पंचधातु से बनी हुई भगवान की मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई हुई है. यह खास तौर पर हाथ से तैयार की जाती है. जो पांच धातु की बनी हुई होती है. यह सालों तक खराब नहीं होती. शिल्पकार ने कहा कि वह कुरुक्षेत्र में पहले भी शिल्प बाजार में आते हैं. इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भी कई बार आए हैं. यहां पर लोगों का खरीदारी का अच्छा रिस्पांस मिलता है. गांधी शिल्प बाजार में भी लोग खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने साथ अन्य कई लोगों को भी रोजगार दिए हुए हैं. जहां उनका रोजगार चल रहा है. अन्य कारीगरों का भी घर उनके इस काम से चल रहा है.

Kurukshetra Gandhi Crafts Market (Etv Bharat)

कपड़ों की भी लगी मनमोहक स्टॉल: शिल्पकार निर्मल कौर लुधियाना से कुरुक्षेत्र के गांधी शिल्प बाजार में पहुंची है. उन्होंने ऊनी कपड़ों की स्टॉल लगाई है. उन्होंने बताया कि वह हाथ से कपड़े तैयार करते हैं. जो छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए बनाए जाते हैं. खास तौर पर वह गर्म कपड़ों के ऊपर काम करते हैं. वह पहली बार कुरुक्षेत्र में पहुंचे हैं. रविवार के दिन उनका बाजार काफी अच्छा रहा है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी वह यहां पर अच्छी कमाई करके जा सकते हैं.

लकड़ी के सामान की प्रदर्शनी: शिल्पकार फैजान सहारनपुर से कुरुक्षेत्र के गांधी शिल्प बाजार में पहुंचे हैं. उन्होंने यहां पर लकड़ी से बने हुए सामान की प्रदर्शनी लगाई हुई है. जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में वह पहली बार पहुंचे हैं. लेकिन देश के अन्य राज्यों में शिल्प और सरस बाजार में वह जाते रहते हैं. लकड़ी से बने सामान के वह 100 से ज्यादा प्रकार के आइटम लेकर यहां पहुंचे हैं. घर में किसी तरह का फर्नीचर या लकड़ी से बने हुए होम डेकोर के सामान यहां पर आने वाले प्रेरकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं.

पर्यटक भी हुए खुश: पर्यटकों का कहना है कि कुरुक्षेत्र में अलग-अलग राज्यों की कलाकृति और संस्कृति एक स्थान पर देखने को मिली है. यहां पर जितने भी शिल्पकार आए हुए हैं. सभी द्वारा हाथ से बने हुए सामान काफी अच्छे हैं. आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. वह भी यहां पर कई चीजों की खरीदारी कर रहे हैं. ऐसी बहुत सी चीज है, जो उन्होंने पहली बार इस गांधी शिल्प बाजार में देखने को मिली है. उनकी खरीदारी भी उन्होंने की है.

ये भी पढ़ें: गीता महोत्सव में आर्कषण का केंद्र बनी भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति, सुधीर को स्टोन डस्ट मूर्ति बनाने पर स्टेट अवार्ड से नवाजा

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कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गांधी शिल्प बाजार 10 दिन के लिए लगा हुआ है. जहां पर पूरे भारत से अलग-अलग राज्यों से 70 से ज्यादा शिल्पकार पहुंचे हैं. यहां पर उन्होंने अपनी शिल्प कला की प्रदर्शनी लगाई हुई है. यह गांधी शिल्प बाजार कुरुक्षेत्र के मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर के प्रांगण में लगाया गया है. यह 10 दिवसीय गांधी शिल्प बाजार वस्त्र मंत्रालय, ग्रीनवेल चिल्ड्रन सोसायटी नागौर के सहयोग में कला कीर्ति भवन में आयोजित किया गया है.

9 फरवरी तक चलेगा बाजार: गांधी शिल्प बाजार की शुरुआत 31 जनवरी से शुरू हुई थी. इसका समापन 9 फरवरी के दिन होगा. यहां पर दूसरे राज्यों से अपने हाथों से बनी हुई वस्तुएं लेकर शिल्पकार पहुंचे हैं. जिनको लोग खूब पसंद कर रहे हैं. खरीदारी कर रहे हैं. हरियाणा के अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग सांस्कृतिक कुरुक्षेत्र में एक स्थान पर दर्शाया गया है. कुरुक्षेत्र गांधी शिल्प बाजार में भारत के 70 से अधिक शिल्पकारों ने अपनी कृतियों की प्रदर्शनी लगाई है. बिहार की मधुबनी पेंटिंग, पंजाब की जूती के साथ अन्य कई राज्यों के विभिन्न स्टॉल यहां पर लगे हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

शिल्प बाजार में पंचधातु की मूर्ति: कविता मौर्य शिल्पकार ने कहा कि वह हाथरस से कुरुक्षेत्र में पहुंची है. जहां पर उन्होंने पंचधातु से बनी हुई भगवान की मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई हुई है. यह खास तौर पर हाथ से तैयार की जाती है. जो पांच धातु की बनी हुई होती है. यह सालों तक खराब नहीं होती. शिल्पकार ने कहा कि वह कुरुक्षेत्र में पहले भी शिल्प बाजार में आते हैं. इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भी कई बार आए हैं. यहां पर लोगों का खरीदारी का अच्छा रिस्पांस मिलता है. गांधी शिल्प बाजार में भी लोग खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने साथ अन्य कई लोगों को भी रोजगार दिए हुए हैं. जहां उनका रोजगार चल रहा है. अन्य कारीगरों का भी घर उनके इस काम से चल रहा है.

Kurukshetra Gandhi Crafts Market (Etv Bharat)

कपड़ों की भी लगी मनमोहक स्टॉल: शिल्पकार निर्मल कौर लुधियाना से कुरुक्षेत्र के गांधी शिल्प बाजार में पहुंची है. उन्होंने ऊनी कपड़ों की स्टॉल लगाई है. उन्होंने बताया कि वह हाथ से कपड़े तैयार करते हैं. जो छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए बनाए जाते हैं. खास तौर पर वह गर्म कपड़ों के ऊपर काम करते हैं. वह पहली बार कुरुक्षेत्र में पहुंचे हैं. रविवार के दिन उनका बाजार काफी अच्छा रहा है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी वह यहां पर अच्छी कमाई करके जा सकते हैं.

लकड़ी के सामान की प्रदर्शनी: शिल्पकार फैजान सहारनपुर से कुरुक्षेत्र के गांधी शिल्प बाजार में पहुंचे हैं. उन्होंने यहां पर लकड़ी से बने हुए सामान की प्रदर्शनी लगाई हुई है. जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में वह पहली बार पहुंचे हैं. लेकिन देश के अन्य राज्यों में शिल्प और सरस बाजार में वह जाते रहते हैं. लकड़ी से बने सामान के वह 100 से ज्यादा प्रकार के आइटम लेकर यहां पहुंचे हैं. घर में किसी तरह का फर्नीचर या लकड़ी से बने हुए होम डेकोर के सामान यहां पर आने वाले प्रेरकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं.

पर्यटक भी हुए खुश: पर्यटकों का कहना है कि कुरुक्षेत्र में अलग-अलग राज्यों की कलाकृति और संस्कृति एक स्थान पर देखने को मिली है. यहां पर जितने भी शिल्पकार आए हुए हैं. सभी द्वारा हाथ से बने हुए सामान काफी अच्छे हैं. आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. वह भी यहां पर कई चीजों की खरीदारी कर रहे हैं. ऐसी बहुत सी चीज है, जो उन्होंने पहली बार इस गांधी शिल्प बाजार में देखने को मिली है. उनकी खरीदारी भी उन्होंने की है.

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Last Updated : Feb 3, 2025, 5:49 PM IST
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