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जामा मस्जिद की सीढ़ियों से श्रीकृष्ण का विग्रह निकालने और ASI सर्वे के लिए याचिका दाखिल - Jama Masjid Agra

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 8:54 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 9:13 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट में आगरा स्थित जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे श्रीकृष्ण का विग्रह को लेकर याचिका दाखिल की गई है. इसके साथ जामा मस्जिद का एसआई (Archaeological Survey of India) सर्वे करने की अपील की गई है.

जामा मस्जिद आगरा.
जामा मस्जिद आगरा. (Etv Bharat)

प्रयागराज: जामा मस्जिद आगरा की सीढ़ियों में श्रीकृष्ण का विग्रह दबे होने का दावा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में जामा म​स्जिद का ASI (Archaeological Survey of India) से सर्वे कराने और एडवोकेट कमिश्नर से जांच कराने की मांग की गई है. आगरा के अधिवक्ता महेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान ईदगाह कमेटी ने भी इस मामले में पक्षकार बनने के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दी है. याची महेंद्र प्रताप सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से अपना पक्ष कोर्ट में रखा. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 अगस्त की ति​थि निर्धारित की है.

प्रारम्भ में यह याचिका हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए क्लब की उन 18 याचिकाओं में शामिल थी, जिसमें कोर्ट ने एक साथ सुनवाई की है. लेकिन यहा याचिका (सूट नंबर तीन) का मुद्दा अन्य याचिकाओं से अलग होने के कारण हाईकोर्ट ने इसे सुनवाई से अलग कर दिया था.

याचिका में कहा गया है कि 1670 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ध्वस्त करवा दिया था. मंदिर के गर्भगृह में स्थित श्री कृष्ण के स्वर्ण जड़ित विग्रह को जामा मस्जिद आगरा की सीढ़ियों में चुनवा दिया था. औरंगजेब ने ऐसा हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया था. याचिका में मांग की गई है कि इसकी जांच के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया जाए और एएसआई से सर्वे कराया जाए. विग्रह को जामा मस्जिद से निकालकर पुन: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित किया जाए. इस मामले में एएसआई के वकील ने जवाब दा​खिल करने के लिए समय की मांग की.

इतिहासकारों का हवाला दिया
याची श्रीकृष्ण जन्मभूमि मु​क्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने अपने दावे के समर्थन में कई इतिहासकारों की पुस्तकों का साक्ष्य के तौर पर हवाला दिया है. याचिका में इतिहासकार साखी मुस्तैक खान की मासरे आलमगीरी, एफएस ग्राउज की मथुरा मेमोआयर, मथुरा गजेटियर और औरंगजेब नामा, औरंगजेब आईकोलिज्म का हवाला दिया गया है. कहा है कि किताब में जिक्र है कि 1670 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि से स्वर्ण जड़ित विग्रह ले जाकर आगरा के मस्जिद में सीढ़ियों के नीचे दफनाए थे.

इसे भी पढ़ें-श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही जामा मस्जिद मामला: ASI ने कोर्ट से मांगा समय, अगली सुनवाई 5 जुलाई

प्रयागराज: जामा मस्जिद आगरा की सीढ़ियों में श्रीकृष्ण का विग्रह दबे होने का दावा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में जामा म​स्जिद का ASI (Archaeological Survey of India) से सर्वे कराने और एडवोकेट कमिश्नर से जांच कराने की मांग की गई है. आगरा के अधिवक्ता महेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान ईदगाह कमेटी ने भी इस मामले में पक्षकार बनने के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दी है. याची महेंद्र प्रताप सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से अपना पक्ष कोर्ट में रखा. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 अगस्त की ति​थि निर्धारित की है.

प्रारम्भ में यह याचिका हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए क्लब की उन 18 याचिकाओं में शामिल थी, जिसमें कोर्ट ने एक साथ सुनवाई की है. लेकिन यहा याचिका (सूट नंबर तीन) का मुद्दा अन्य याचिकाओं से अलग होने के कारण हाईकोर्ट ने इसे सुनवाई से अलग कर दिया था.

याचिका में कहा गया है कि 1670 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ध्वस्त करवा दिया था. मंदिर के गर्भगृह में स्थित श्री कृष्ण के स्वर्ण जड़ित विग्रह को जामा मस्जिद आगरा की सीढ़ियों में चुनवा दिया था. औरंगजेब ने ऐसा हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया था. याचिका में मांग की गई है कि इसकी जांच के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया जाए और एएसआई से सर्वे कराया जाए. विग्रह को जामा मस्जिद से निकालकर पुन: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित किया जाए. इस मामले में एएसआई के वकील ने जवाब दा​खिल करने के लिए समय की मांग की.

इतिहासकारों का हवाला दिया
याची श्रीकृष्ण जन्मभूमि मु​क्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने अपने दावे के समर्थन में कई इतिहासकारों की पुस्तकों का साक्ष्य के तौर पर हवाला दिया है. याचिका में इतिहासकार साखी मुस्तैक खान की मासरे आलमगीरी, एफएस ग्राउज की मथुरा मेमोआयर, मथुरा गजेटियर और औरंगजेब नामा, औरंगजेब आईकोलिज्म का हवाला दिया गया है. कहा है कि किताब में जिक्र है कि 1670 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि से स्वर्ण जड़ित विग्रह ले जाकर आगरा के मस्जिद में सीढ़ियों के नीचे दफनाए थे.

इसे भी पढ़ें-श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही जामा मस्जिद मामला: ASI ने कोर्ट से मांगा समय, अगली सुनवाई 5 जुलाई

Last Updated : Jul 4, 2024, 9:13 PM IST
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