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नायब सैनी सरकार पर 3 दिन में ही आई आफत, मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

नायब सैनी सरकार का गठन होते ही संकट के बादल मंडराने लगे हैं. मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों के खिलाफ मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

PETITION AGAINST HARYANA CABINET
नायब सैनी (Photo- ETV Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा की 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में कुल विधायकों के 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. पिछली सरकारों में भी ऐसी जनहित याचिकाएं दायर होती रही हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, जबकि हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो संविधान का उल्लंघन है.

15 प्रतिशत होनी चाहिए मंत्रियों की संख्या

इस मामले को लेकर एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर करके कहा है कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है. हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है. ऐसे में संविधान के संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, ये संविधान में संशोधन का उल्लंघन है.

सीएम समेत सभी मंत्रियों को बनाया गया प्रतिवादी

याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार और हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया गया है.

'विधायकों को खुश करने के लिए बढ़ाई गई संख्या'

आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है. विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की गाढ़ी कमाई से किया जाता है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए. इसके साथ ही याचिका लंबित रहते, उनको मिलने वाले लाभ पर रोक लगाए जाने की भी हाईकोर्ट से मांग की गई है.

नायब सैनी के साथ 13 मंत्रियों ने ली शपथ

यह याचिका अभी हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में फाइल हुई है और इस पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. इससे पहले भी एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने तेरहवीं व चौदहवीं विधानसभा के दौरान 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. बता दें कि गुरुवार को नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नायब सैनी के अलावा 13 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली थी.

ये भी पढ़ें- सीएम समेत हरियाणा के सभी 14 मंत्री करोड़पति, तीन 12वीं पास, किसी पर भी नहीं है आपराधिक मामला

ये भी पढ़ें- कुर्सी संभालते ही बोले हरियाणा के 'गब्बर' - रात को सीएम बनकर सोने वाले कहते थे एंटी इनकंबेंसी है

चंडीगढ़: हरियाणा की 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में कुल विधायकों के 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. पिछली सरकारों में भी ऐसी जनहित याचिकाएं दायर होती रही हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, जबकि हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो संविधान का उल्लंघन है.

15 प्रतिशत होनी चाहिए मंत्रियों की संख्या

इस मामले को लेकर एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर करके कहा है कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है. हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है. ऐसे में संविधान के संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, ये संविधान में संशोधन का उल्लंघन है.

सीएम समेत सभी मंत्रियों को बनाया गया प्रतिवादी

याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार और हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया गया है.

'विधायकों को खुश करने के लिए बढ़ाई गई संख्या'

आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है. विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की गाढ़ी कमाई से किया जाता है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए. इसके साथ ही याचिका लंबित रहते, उनको मिलने वाले लाभ पर रोक लगाए जाने की भी हाईकोर्ट से मांग की गई है.

नायब सैनी के साथ 13 मंत्रियों ने ली शपथ

यह याचिका अभी हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में फाइल हुई है और इस पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. इससे पहले भी एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने तेरहवीं व चौदहवीं विधानसभा के दौरान 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. बता दें कि गुरुवार को नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नायब सैनी के अलावा 13 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली थी.

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