शिमला: इन दिनों हिमाचल का हर एक जिला पानी की समस्या से जूझ रहा है. राजधानी शिमला भी इससे अछूता नहीं है. यहां पानी की सप्लाई देने वाली पेयजल परियोजनाओं में पानी का स्तर कम होने से शिमला शहर में पानी का संकट गहराने लगा है.
शिमला को पानी देने वाली मुख्य पेयजल परियोजना गिरी में पानी का स्तर काफी कम हो गया है. गिरी से हर रोज पहले 22 एमएलडी पानी आता था लेकिन इन दिनों 8 एमएलडी पानी ही आ रहा है.
सोमवार को सभी परियोजनाओं से शिमला के लिए 33 एमएलडी पानी ही पहुंच पाया जबकि शिमला शहर में हर रोज 40 से 45 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है. इन दिनों पर्यटन सीजन होने के चलते काफी संख्या में पर्यटक शिमला पहुंच रहे हैं जिसके चलते पानी की मांग बढ़ गई है.
ऐसे में शिमला शहर के कई हिस्सों में पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. शहर के कई हिस्सों में चार दिन बाद लोगों को पानी मिल रहा है. सोमवार को भी शिमला शहर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई नहीं हुई और कुछ जगहों पर चार दिन बाद पानी आया.
वहीं, अब जल निगम टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई करने लगा है. सोमवार को जल निगम द्वारा खलीनी सहित कई हिस्सों में टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की गई. पानी का टैंकर जैसे ही पहुंचा तो काफी संख्या में लोग पानी लेने के लिए पहुंचे और लंबी-लंबी लाइनें लग गईं.
लोगों का कहना है कि तीन से चार दिन बाद पानी आ रहा है जिससे काफी मुश्किल हो रही है. वहीं, नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान का कहना है पेयजल परियोजनाओं में पानी का स्तर काफी कम हो गया जिसके चलते शहर में पानी का संकट गहराने लगा है जिन क्षेत्रों में पानी नहीं आ रहा है. वहां पर पानी के टैंकरों द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है. जल निगम को भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन क्षेत्रों में पानी की ज्यादा कमी है. वहां पर टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए.
वहीं, कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश में गहराते पेयजल संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस पेयजल संकट से निपटने के लिए तुरन्त प्रभाव से ठोस कदम उठाएं.
पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि कम पानी की आपूर्ति के चलते पानी के वितरण को सुचारू रूप से किया जाए ताकि सभी को उचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाया जा सके. सरकार इसके लिए निचले स्तर पर निगरानी के लिए जनप्रतिनिधियों व जिम्मेवार आधिकारियों के नेतृत्व में कमेटी का गठन करे ताकि आम जनता को उचित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानेगी तो जनता को साथ लेकर CPIM प्रदर्शन करेगी.
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