सांचौर : सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर शनिवार को बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट के सामने जुटे और जिला यथावत रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान धरने पर बैठे पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई की तबीयत में लगातार गिरावट आई. इस पर जिला कलेक्टर शक्ति सिंह राठौड़ और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में सुखराम बिश्नोई सहित अन्य नेताओं को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया गया. हालांकि, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. सुखराम विश्नोई ने कहा कि जिला कलेक्टर के आश्वासन पर अनशन तोड़ा है, लेकिन धरना लगातार जारी रहेगा.
तबीयत बिगड़ी, कलेक्टर ने तुड़वाया अनशन : धरने के चौथे दिन पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई की तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी थी. इस पर वहां मौजूद भारी भीड़ ने बिश्नोई से अनशन तोड़ने का आग्रह किया. सुखराम बिश्नोई ने इस पर कहा कि अगर लोग रोज धरने पर आएंगे तो ही वे अपना अनशन तोड़ेंगे. इसके बाद कलेक्टर ने उन्हें और अन्य नेताओं को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. हालांकि, धरना प्रदर्शन अब जारी है.
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संचालन और आंदोलन की योजना : धरने को संबोधित करते हुए सुखराम बिश्नोई ने बताया कि जिला बचाओ संघर्ष समिति हर दिन 10 गांवों के नाम तय करेगी और वे हर दिन धरने में शामिल होंगे. इसके साथ ही समिति ने 1 और 2 अक्टूबर को जयपुर जाने का ऐलान किया, जहां वे सांचौर जिले को यथावत रखने की अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
जिले में बंद का असर : संघर्ष समिति के आह्वान पर सांचौर जिला पूरी तरह से बंद रहा. निजी और सरकारी स्कूलों, महाविद्यालयों, प्राइवेट हॉस्पिटल्स और डॉक्टरों ने हड़ताल की, जिससे जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं. इसके साथ ही जिला बार एसोसिएशन के सभी वकीलों ने भी पेन डाउन हड़ताल का ऐलान किया, जिससे अदालतों का काम भी प्रभावित हुआ.
महिलाओं ने भी निभाई भागीदारी : चितलवाना ग्राम पंचायत से सरपंच प्रेमादेवी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाएं खेती के औजारों के साथ धरने में भाग लेने के लिए पहुंची. उन्होंने बताया कि वे खेतों में काम कर रही थीं, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि एसपी को हटा दिया गया और जिला हटाया जा रहा है, तो उन्होंने अपने काम को छोड़कर धरने में भाग लिया.
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कड़ा सुरक्षा इंतजाम : धरने के दौरान पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई समेत कई अन्य नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी कलेक्ट्रेट के बाहर जिला यथावत रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बाजार बंद और धरना प्रदर्शन के चलते जिले के प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए. जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है.