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सुक्खू सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी जयराम ठाकुर के निर्वाचन क्षेत्र सराज की जनता, औद्यानिकी कॉलेज का है मामला - Horticulture college Pakhridhar

People gave Memorandum to SDM: पखरीदार में औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के भवन का काम तीन साल बीत जाने के बावजूद शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया है. इसको लेकर सराज के जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है.

MEMORANDUM TO SDM
जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम को दिया ज्ञापन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 30, 2024, 10:13 PM IST

Updated : Sep 30, 2024, 10:30 PM IST

सराज: थुनाग के पखरीदार में औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के भवन का काम तीन साल बीत जाने के बावजूद शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग के पास 10 करोड़ रुपये का बजट आया था. अब नौणी विश्वविद्यालय ने लोक निर्माण विभाग को बजट वापस भेजने का निर्देश जारी कर दिया है.

इसका विरोध सराज के तीन जिला परिषद सदस्यों, आठ बीडीसी सदस्यों और 15 प्रधानों ने सोमवार को सराज के एसडीएम को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि 2019 में थुनाग में इस संस्थान के भवन निर्माण का पैसा वापस लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि जल्द से जल्द महाविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करें अन्यथा सराज की जनता सड़कों पर उतरेगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

नौणी विश्वविद्यालय का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के खाते में रखकर इन पैसों से विवि को हानि हो रही है. अगर यह पैसा विश्वविद्यालय के खाते में रहता तो इसका विश्वविद्यालय को ब्याज मिलता, जिसके चलते उन्होंने लोक निर्माण विभाग को दस करोड़ रुपये का बजट वापस करने का निर्देश जारी कर दिया.

गौरतलब है कि 6 अप्रैल, 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस भवन का शिलान्यास किया था. थुनाग के पास पखरीदार में करीब 205 बीघा जमीन पर भवन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद भी सरकार इस निर्माण कार्य को शुरू नहीं कर सकी है. 240 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट से तांदी की पखरीधार में 205 बीघा जमीन पर बनने वाले महाविद्यालय के भवन निर्माण की प्रक्रिया अभी भी कागजों तक सीमित रही.

साल 2022 में आए थे 10 करोड़ रुपये

गौरतलब है कि जुलाई 2022 में 6 करोड़ रुपये और सितंबर 2022 में चार करोड़ रुपये भवन निर्माण के लिए दिए थे. जो अब वापस मांग लिए गए हैं. ये मामला हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भी खूब गूंजा था. इस पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी तकरार भी हुई थी. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि जिस औद्यानिकी कॉलेज से स्टूडेंट्स के तीन-तीन सेशन पास आउट हो गए, उसे बंद किया जा रहा है.

ये पहली बार देखा गया है कि कोई सरकार सुचारू रूप से चल रहे संस्थान का इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की बजाय उसे बंद कर रही है. पूर्व सरकार ने इस कॉलेज के लिए दस करोड़ रुपए की धनराशि जारी की थी, उसे वापस मंगवाया जा रहा है. इस बार विधानसभा के मानसून सेशन में बागवानी मंत्री जगत सिंह ने इस मुद्दे पर जो बयान दिया था, भाजपा ने उसका भी भारी विरोध किया था. अलबत्ता 30 अगस्त को इस बारे में नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर सरकार ने दावा किया था कि संस्थान को बंद नहीं किया जा रहा है अब सरकार ने 24 सितंबर को जारी पत्र में कॉलेज के विकास के लिए जारी रकम को वापस मांगकर अपने इरादे जता दिए हैं.

ये भी पढ़ें: मंडी बायपास पर शुरू हुआ ट्रैफिक, जाम से मिलेगी राहत

सराज: थुनाग के पखरीदार में औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के भवन का काम तीन साल बीत जाने के बावजूद शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग के पास 10 करोड़ रुपये का बजट आया था. अब नौणी विश्वविद्यालय ने लोक निर्माण विभाग को बजट वापस भेजने का निर्देश जारी कर दिया है.

इसका विरोध सराज के तीन जिला परिषद सदस्यों, आठ बीडीसी सदस्यों और 15 प्रधानों ने सोमवार को सराज के एसडीएम को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि 2019 में थुनाग में इस संस्थान के भवन निर्माण का पैसा वापस लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि जल्द से जल्द महाविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करें अन्यथा सराज की जनता सड़कों पर उतरेगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

नौणी विश्वविद्यालय का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के खाते में रखकर इन पैसों से विवि को हानि हो रही है. अगर यह पैसा विश्वविद्यालय के खाते में रहता तो इसका विश्वविद्यालय को ब्याज मिलता, जिसके चलते उन्होंने लोक निर्माण विभाग को दस करोड़ रुपये का बजट वापस करने का निर्देश जारी कर दिया.

गौरतलब है कि 6 अप्रैल, 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस भवन का शिलान्यास किया था. थुनाग के पास पखरीदार में करीब 205 बीघा जमीन पर भवन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद भी सरकार इस निर्माण कार्य को शुरू नहीं कर सकी है. 240 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट से तांदी की पखरीधार में 205 बीघा जमीन पर बनने वाले महाविद्यालय के भवन निर्माण की प्रक्रिया अभी भी कागजों तक सीमित रही.

साल 2022 में आए थे 10 करोड़ रुपये

गौरतलब है कि जुलाई 2022 में 6 करोड़ रुपये और सितंबर 2022 में चार करोड़ रुपये भवन निर्माण के लिए दिए थे. जो अब वापस मांग लिए गए हैं. ये मामला हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भी खूब गूंजा था. इस पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी तकरार भी हुई थी. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि जिस औद्यानिकी कॉलेज से स्टूडेंट्स के तीन-तीन सेशन पास आउट हो गए, उसे बंद किया जा रहा है.

ये पहली बार देखा गया है कि कोई सरकार सुचारू रूप से चल रहे संस्थान का इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की बजाय उसे बंद कर रही है. पूर्व सरकार ने इस कॉलेज के लिए दस करोड़ रुपए की धनराशि जारी की थी, उसे वापस मंगवाया जा रहा है. इस बार विधानसभा के मानसून सेशन में बागवानी मंत्री जगत सिंह ने इस मुद्दे पर जो बयान दिया था, भाजपा ने उसका भी भारी विरोध किया था. अलबत्ता 30 अगस्त को इस बारे में नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर सरकार ने दावा किया था कि संस्थान को बंद नहीं किया जा रहा है अब सरकार ने 24 सितंबर को जारी पत्र में कॉलेज के विकास के लिए जारी रकम को वापस मांगकर अपने इरादे जता दिए हैं.

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Last Updated : Sep 30, 2024, 10:30 PM IST
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