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VIP नंबर का क्रेजः गाजियाबाद में लाखों खर्च कर रहे लोग, जानिए- आप भी कैसे ले सकते हैं VIP नंबर ? - people spending lakh for VIP number

people spending lakh for VIP number : दिल्ली एनसीआर में लोगों के बीच अपनी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर हासिल करने को लेकर भारी क्रेज देखा जा रहा है. लोगों को इसका जुनून इस कदर सवार है कि लोग इसके लिए लाखों खर्च करने के लिए तैयार है. अगर आप भी लेना चाह रहे हैं वीआईपी नंबर लेना तो जानिए क्या है प्रक्रिया.

VIP नंबर हासिल करने के लिए लाखों लुटा रहे लोग
VIP नंबर हासिल करने के लिए लाखों लुटा रहे लोग (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2024, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में अब गाड़ियों के वीआईपी नंबरों का चलन काफी बढ़ गया है. खुद को अलग दिखाने की होड़ में अब लोग लाखों रुपए में गाड़ियों के वीआईपी नंबर खरीद रहे हैं. आजकल वीआईपी नंबर स्टेटस सिंबल बन गए हैं. गाजियाबाद में भी लोगों की वीआईपी नंबर हासिल करने में काफी दिलचस्पी दिखाई दे रही है. वहीं परिवहन विभाग द्वारा भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर हासिल करने की प्रक्रिया को भी काफी सरल बना दिया गया है. सिर्फ ₹5000 का शुल्क चुकाने के बाद आप भी अपनी मर्जी का नंबर हासिल कर सकते हैं.

VIP नंबर हासिल करने के लिए लाखों लुटा रहे लोग (ETV BHARAT)
वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग के राजस्व में इजाफागाजियाबाद में UP 14 GD सीरीज समाप्त हो चुकी है. इस सीरीज का सबसे महंगा नंबर 0007 2.69 लाख रुपए का बिका है. जबकि 009 1.79 लाख और 1.03 लाख रुपए में बिका है. फिलहाल नई सीरीज की शुरुआत हो चुकी है. वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग के राजस्व में इजाफा हो रहा है. यदि आप वीआईपी या फैंसी नंबर हासिल करना चाहते हैं तो ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से VIP या अपना मनपसंद नंबर हासिल कर सकते हैं.
वीआईपी नंबर को आवंटित करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया

एआरटीओ (प्रशासन) राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक नॉन फैंसी नंबर हासिल करने के लिए चार पहिया वाहन चालकों को 5000 और दो पहिया वाहन चालकों को ₹1000 चुकाने होंगे. वही वीआईपी और फैंसी नंबर हासिल करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा. जब एक ही फैंसी और वीआईपी नंबर के लिए कई लोगों द्वारा आवेदन किया जाता है तो उसे नंबर को आवंटित करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया होती है. बिडिंग प्रक्रिया में आवेदक को तीन बोलियां लगानी होती हैं. सबसे ऊंची बोली लगाने वाले आवेदक को नंबर आवंटित कर दिया जाता है. ये भी पढ़ें : दिल्ली में VIP नंबर की एडवांस बुकिंग शुरू, 0001 नंबर का बेस प्राइज पांच लाख, जानें और नंबरों की कीमत

लोग शौक और वास्तु को लेकर लेना चाहते हैं वीआईपी नंबर
दरअसल, VIP और मनपसंद नंबर खरीदने के पीछे आमतौर पर दो प्रमुख कारण देखे जा रहे हैं. कई बार लोग शौक के चलते वीआईपी नंबर खरीदते हैं और इन नंबरों को हासिल करने के लिए लाखों की रकम चुके हैं. वहीं, कई लोग अपने वास्तु के हिसाब से भी शुभ नंबर खरीदते हैं.

ये भी पढ़ें : गाजियाबाद: स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट पर लिखा था "राम", ट्रैफिक पुलिस ने किया 24 हजार का चालान

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में अब गाड़ियों के वीआईपी नंबरों का चलन काफी बढ़ गया है. खुद को अलग दिखाने की होड़ में अब लोग लाखों रुपए में गाड़ियों के वीआईपी नंबर खरीद रहे हैं. आजकल वीआईपी नंबर स्टेटस सिंबल बन गए हैं. गाजियाबाद में भी लोगों की वीआईपी नंबर हासिल करने में काफी दिलचस्पी दिखाई दे रही है. वहीं परिवहन विभाग द्वारा भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर हासिल करने की प्रक्रिया को भी काफी सरल बना दिया गया है. सिर्फ ₹5000 का शुल्क चुकाने के बाद आप भी अपनी मर्जी का नंबर हासिल कर सकते हैं.

VIP नंबर हासिल करने के लिए लाखों लुटा रहे लोग (ETV BHARAT)
वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग के राजस्व में इजाफागाजियाबाद में UP 14 GD सीरीज समाप्त हो चुकी है. इस सीरीज का सबसे महंगा नंबर 0007 2.69 लाख रुपए का बिका है. जबकि 009 1.79 लाख और 1.03 लाख रुपए में बिका है. फिलहाल नई सीरीज की शुरुआत हो चुकी है. वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग के राजस्व में इजाफा हो रहा है. यदि आप वीआईपी या फैंसी नंबर हासिल करना चाहते हैं तो ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से VIP या अपना मनपसंद नंबर हासिल कर सकते हैं.
वीआईपी नंबर को आवंटित करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया

एआरटीओ (प्रशासन) राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक नॉन फैंसी नंबर हासिल करने के लिए चार पहिया वाहन चालकों को 5000 और दो पहिया वाहन चालकों को ₹1000 चुकाने होंगे. वही वीआईपी और फैंसी नंबर हासिल करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा. जब एक ही फैंसी और वीआईपी नंबर के लिए कई लोगों द्वारा आवेदन किया जाता है तो उसे नंबर को आवंटित करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया होती है. बिडिंग प्रक्रिया में आवेदक को तीन बोलियां लगानी होती हैं. सबसे ऊंची बोली लगाने वाले आवेदक को नंबर आवंटित कर दिया जाता है. ये भी पढ़ें : दिल्ली में VIP नंबर की एडवांस बुकिंग शुरू, 0001 नंबर का बेस प्राइज पांच लाख, जानें और नंबरों की कीमत

लोग शौक और वास्तु को लेकर लेना चाहते हैं वीआईपी नंबर
दरअसल, VIP और मनपसंद नंबर खरीदने के पीछे आमतौर पर दो प्रमुख कारण देखे जा रहे हैं. कई बार लोग शौक के चलते वीआईपी नंबर खरीदते हैं और इन नंबरों को हासिल करने के लिए लाखों की रकम चुके हैं. वहीं, कई लोग अपने वास्तु के हिसाब से भी शुभ नंबर खरीदते हैं.

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