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Rajasthan: कहीं आपको तो नहीं आया 5G टावर लगाने का ऑफर, हो सकते हैं फ्रॉड का शिकार, जानिए क्या है ठगी का नया खेल

साइबर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए नया तरीका अपनाया है. इसको लेकर सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है.

ठगी का नया तरीका
ठगी का नया तरीका (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

जयपुर : आपके मेल बॉक्स में दूरसंचार विनियामक आयोग की ओर से 5G मोबाइल टावर लगाने की अनुमति का लेटर आया है तो खुश होने के बजाए सावधान होने की जरूरत है. यह साइबर ठगों की नई चाल हो सकती है. इस लेटर में सिक्योरिटी के रूप में पांच हजार रुपए भी मांगे जा रहे हैं. अगर आप साइबर ठगों के इस फर्जी अनुमति पत्र पर प्रतिक्रिया देकर यह राशि जमा करवाते हैं तो पांच हजार की चपत लगनी तो तय है. साथ ही बैंक खाता और अन्य जानकारी हासिल कर साइबर ठग आपका बैंक खाता भी खाली कर सकते हैं.

दरअसल, लोगों को ई मेल पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के नाम से एक फर्जी मोबाइल नेटवर्क रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है. इसमें संबंधित व्यक्ति को 5G मोबाइल टावर इंस्टालेशन की अनुमति देने की बात कही जा रही है. साथ ही मोबाइल टावर के इंस्टालेशन से पहले जमीन मालिक को कंपनी के वकील के खाते में पांच हजार रुपए जमा करवाने को कहा जा रहा है.

5G टावर लगाने के नाम पर ठगी (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- Rajasthan: Digital Arrest : जयपुर पुलिस की एडवाइजरी, कहा- डर और लालच से बचें, सुरक्षित रहें

सरकार ने जारी की एडवाइजरी : ट्राई के नाम से लोगों के मेल बॉक्स में आने वाले इस तरह के अनुमति पत्रों को सरकार ने फर्जी बताया है. केंद्र सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया कि 'क्या आपको भी ट्राई के नाम से जारी एक नोटिस मिला है ? जिसमें मोबाइल टावर इंस्टालेशन के एवज में पांच हजार रुपए जमा करवाने को कहा जा रहा है. यह नोटिस फर्जी है. ट्राई कभी भी इस तरह के पत्र जारी नहीं करती है. ट्राई परिसरों को मोबाइल टावर इंस्टालेशन के लिए किराए या लीज पर लेने के मसले में शामिल नहीं होती है'.

यह साइबर ठगों की हो सकती है करतूत : साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ हेमराज सरावता का कहना है कि तकनीक में हर दिन आ रहे बदलाव को लेकर साइबर ठग भी ठगी और फ्रॉड के लिए हर दिन नई-नई तरकीब अपनाते हैं. पहले मोबाइल टावर इंस्टालेशन के नाम पर साइबर ठग भोले-भाले लोगों को चूना लगाते थे. अब संचार जगत में 5G तकनीक आ गई है, इसलिए 5G टावर इंस्टालेशन के नाम पर लेटर भेजना साइबर ठगों की करतूत हो सकती है. ऐसे किसी भी मैसेज या मेल पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए. किसी भी तरह की साइबर ठगी या फ्रॉड का शिकार होने पर साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है. अपने नजदीकी पुलिस थाने में भी मदद ली जा सकती है.

जयपुर : आपके मेल बॉक्स में दूरसंचार विनियामक आयोग की ओर से 5G मोबाइल टावर लगाने की अनुमति का लेटर आया है तो खुश होने के बजाए सावधान होने की जरूरत है. यह साइबर ठगों की नई चाल हो सकती है. इस लेटर में सिक्योरिटी के रूप में पांच हजार रुपए भी मांगे जा रहे हैं. अगर आप साइबर ठगों के इस फर्जी अनुमति पत्र पर प्रतिक्रिया देकर यह राशि जमा करवाते हैं तो पांच हजार की चपत लगनी तो तय है. साथ ही बैंक खाता और अन्य जानकारी हासिल कर साइबर ठग आपका बैंक खाता भी खाली कर सकते हैं.

दरअसल, लोगों को ई मेल पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के नाम से एक फर्जी मोबाइल नेटवर्क रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है. इसमें संबंधित व्यक्ति को 5G मोबाइल टावर इंस्टालेशन की अनुमति देने की बात कही जा रही है. साथ ही मोबाइल टावर के इंस्टालेशन से पहले जमीन मालिक को कंपनी के वकील के खाते में पांच हजार रुपए जमा करवाने को कहा जा रहा है.

5G टावर लगाने के नाम पर ठगी (ETV Bharat Jaipur)

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सरकार ने जारी की एडवाइजरी : ट्राई के नाम से लोगों के मेल बॉक्स में आने वाले इस तरह के अनुमति पत्रों को सरकार ने फर्जी बताया है. केंद्र सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया कि 'क्या आपको भी ट्राई के नाम से जारी एक नोटिस मिला है ? जिसमें मोबाइल टावर इंस्टालेशन के एवज में पांच हजार रुपए जमा करवाने को कहा जा रहा है. यह नोटिस फर्जी है. ट्राई कभी भी इस तरह के पत्र जारी नहीं करती है. ट्राई परिसरों को मोबाइल टावर इंस्टालेशन के लिए किराए या लीज पर लेने के मसले में शामिल नहीं होती है'.

यह साइबर ठगों की हो सकती है करतूत : साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ हेमराज सरावता का कहना है कि तकनीक में हर दिन आ रहे बदलाव को लेकर साइबर ठग भी ठगी और फ्रॉड के लिए हर दिन नई-नई तरकीब अपनाते हैं. पहले मोबाइल टावर इंस्टालेशन के नाम पर साइबर ठग भोले-भाले लोगों को चूना लगाते थे. अब संचार जगत में 5G तकनीक आ गई है, इसलिए 5G टावर इंस्टालेशन के नाम पर लेटर भेजना साइबर ठगों की करतूत हो सकती है. ऐसे किसी भी मैसेज या मेल पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए. किसी भी तरह की साइबर ठगी या फ्रॉड का शिकार होने पर साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है. अपने नजदीकी पुलिस थाने में भी मदद ली जा सकती है.

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