मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है. पर्यटकों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसको लेकर प्रशासन सभी तैयारियों पर नजर रखे हुए है. इसी बीच लोक निर्माणा विभाग की उदासीनता दिखने को मिली है. दरअसल पिछले साल मालरोड के 10 मीटर का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन अभी तक उक्त क्षतिग्रस्त हिस्से का निर्माण नहीं किया गया है. जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों में आक्रोश है.
बता दें कि एसडीएम डॉक्टर दीपक सैनी ने लोकनिर्माण विभाग को 15 मई तक मालरोड के 10 मीटर क्षतिग्रस्त हिस्से का निर्माण करने के निर्देश दिए थे, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्देशों को दरकिनार किया गया. जिससे लोगों ने लोकनिर्माण विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है.
मसूरी के पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, उपेन्द्र थपलियाल और रविंद्र सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि एसडीएम के निर्देशों के बाद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मालरोड के 10 मीटर क्षतिग्रस्त हिस्से का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं. लोकनिर्माण विभाग द्वारा लोहे के गाटर तो खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन सड़क कब बनेगी यह भगवान भरोसे है. उन्होंने कहा कि 10 मीटर क्षतिग्रस्त हिस्से का निर्माण नहीं होने से माल रोड पर जाम लग रहा है, जिससे लोग परेशान हैं.
स्थानीय लोगों ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा मसूरी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कई योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि माल रोड को सुव्यवस्थित और सुंदर बनाने को लेकर 7 करोड़ से अधिक रुपये खर्च किए गए. 10 मीटर की सड़क का निर्माण 10 दिन के अंदर हो जाना चाहिए, लेकिन लोक निर्माण विभाग को 10 मीटर की सड़क बनाने में सवा साल से भी ज्यादा का समय लग गया.
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजेंद्र पाल ने बताया कि 10 मीटर की सड़क निर्माण को लेकर लगातार काम किया जा रहा है. मालरोड में अत्याधिक वाहनों की आवाजाही और लोगों की भीड़ के कारण दिन में सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है, जिसको लेकर ठेकेदार को देर रात तक काम करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जल्द 10 मीटर की सड़क बनकर तैयार होगी.
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