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दुर्ग में पीडीएस चावल की कालाबाजारी, खाद्य विभाग ने जब्त किया 21 क्विंटल चावल - PDS rice Black marketing in Durg

PDS rice Black marketing in Durg: दुर्ग में पीडीएस चावल की कालाबाजारी का मामला सामने आया है. मामले की शिकायत के बाद खाद्य विभाग 21 क्विंटल चावल जब्त किया है.

PDS rice Black marketing
खाद्य विभाग ने जब्त किया 21 क्विंटल चावल
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 15, 2024, 9:10 PM IST

दुर्ग में पीडीएस चावल की कालाबाजारी

दुर्ग: जिले में फिर एक बार भारी मात्रा में पीडीएस चावल खाद्य विभाग ने जब्त किया है. दरअसल, छत्तीसगढ के गरीब परिवारों ने सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार की अंत्योदय योजना पर अब कई चावल माफिया की नजर है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी कि पीडीएस के तहत दिए जा रहे सरकारी चावल की कालाबाजारी को लेकर खाद्य विभाग को शिकायत मिली है. स्थानीय लोगों की शिकायत पर खुर्सीपार के एक मकान से 40 बोरा यानी लगभग 21 क्विंटल पीडीएस चावल खाद्य विभाग ने एक घर से जब्त किया है.

ये है पूरा मामला: दुर्ग के खुर्सीपार में 21 क्विंटल पीडीएस चावल खाद्य अधिकारी ने जब्त किया है. बीजेपी के पूर्व पार्षद जोगेंद्र शर्मा ने खाद्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सूचना के बाद खाद्य विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी खुर्सीपार स्थित एक मकान में छापेमार कार्रवाई किए. इस दौरान पीडीएस चावल बरामद किया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पीडीएस की दुकानों से खुलेआम गरीबों को दी जाने वाले सरकारी चावल की कालाबाजारी की जा रही है. पीडीएस दुकान संचालक हितग्राहियों को दिए जाने वाले चावल को उनसे औने-पौने दामों में खरीदकर कालाबाजारी कर इसे राइस मिल को बेचा जा रहा है.

एक मकान में छिपाकर रखा गया था चावल: इस पूरे मामले में पूर्व पार्षद जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि, "लगातार मुझे सूचना मिल रही थी कि खुर्सीपार स्थित एक मकान में पीडीएस चावल छुपा कर रखा गया है. इसकी सूचना खाद्य विभाग और पुलिस विभाग को दिया गया. 21 क्विंटल के आसपास बरामद किया गया है."

शिकायत के बाद चावल का सैंपल लिया गया है. सरकारी चावल की कालाबाजारी के मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. -सीपी दीपंकर, खाद्य अधिकारी, दुर्ग जिला

पॉलिस कर बेचा जाता है चावल: वहीं, राइस मिलर्स और पीडीएस दुकान संचालक सरकारी चावल पर पॉलिश कर इसके दाम बढ़ाकर खुले बाजार में बेच रहे हैं. इससे पीडीएस दुकान संचालक और राइस मिल मालिकों की लाखों रुपये की कमाई हो रही है. वहीं खुर्सीपार, छावनी, सुपेला, वैशाली नगर, सेक्टर-9, मोहन नगर और दुर्ग कोतवाली थाना क्षेत्र में चावल कोचिया सक्रिय है. जो पीडीएस चावल को सीधे उचित मूल्य की दुकानों से खरीदते हैं. उसी चावल को राइस मिलों में 30 से 35 रुपए प्रति किलो की दर से बेच देते हैं.बताया जा रहा है कि ऐसे कोचियों को जनप्रतिनिधियों का भी संरक्षण मिला है. खाद्य अधिकारी उन्हीं के इशारों पर कार्रवाई करते हैं.

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दुर्ग में पीडीएस चावल की कालाबाजारी

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ये है पूरा मामला: दुर्ग के खुर्सीपार में 21 क्विंटल पीडीएस चावल खाद्य अधिकारी ने जब्त किया है. बीजेपी के पूर्व पार्षद जोगेंद्र शर्मा ने खाद्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सूचना के बाद खाद्य विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी खुर्सीपार स्थित एक मकान में छापेमार कार्रवाई किए. इस दौरान पीडीएस चावल बरामद किया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पीडीएस की दुकानों से खुलेआम गरीबों को दी जाने वाले सरकारी चावल की कालाबाजारी की जा रही है. पीडीएस दुकान संचालक हितग्राहियों को दिए जाने वाले चावल को उनसे औने-पौने दामों में खरीदकर कालाबाजारी कर इसे राइस मिल को बेचा जा रहा है.

एक मकान में छिपाकर रखा गया था चावल: इस पूरे मामले में पूर्व पार्षद जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि, "लगातार मुझे सूचना मिल रही थी कि खुर्सीपार स्थित एक मकान में पीडीएस चावल छुपा कर रखा गया है. इसकी सूचना खाद्य विभाग और पुलिस विभाग को दिया गया. 21 क्विंटल के आसपास बरामद किया गया है."

शिकायत के बाद चावल का सैंपल लिया गया है. सरकारी चावल की कालाबाजारी के मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. -सीपी दीपंकर, खाद्य अधिकारी, दुर्ग जिला

पॉलिस कर बेचा जाता है चावल: वहीं, राइस मिलर्स और पीडीएस दुकान संचालक सरकारी चावल पर पॉलिश कर इसके दाम बढ़ाकर खुले बाजार में बेच रहे हैं. इससे पीडीएस दुकान संचालक और राइस मिल मालिकों की लाखों रुपये की कमाई हो रही है. वहीं खुर्सीपार, छावनी, सुपेला, वैशाली नगर, सेक्टर-9, मोहन नगर और दुर्ग कोतवाली थाना क्षेत्र में चावल कोचिया सक्रिय है. जो पीडीएस चावल को सीधे उचित मूल्य की दुकानों से खरीदते हैं. उसी चावल को राइस मिलों में 30 से 35 रुपए प्रति किलो की दर से बेच देते हैं.बताया जा रहा है कि ऐसे कोचियों को जनप्रतिनिधियों का भी संरक्षण मिला है. खाद्य अधिकारी उन्हीं के इशारों पर कार्रवाई करते हैं.

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