जयपुर. महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जिसमें कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इससे पहले महात्मा गांधी के प्रिय भजनों की कलाकारों ने प्रस्तुति दी. मीडिया से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) पर मध्यप्रदेश के साथ जो समझौता किया गया है, उसमें प्रदेश की जनता के हक पर कुठाराघात हुआ है.
गोविंद डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा, आज ही के दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. आज कुछ लोग नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने का प्रयास करते हैं. उन्हें देश कभी माफ नहीं करेगा.
भाजपा ने की राजनीती, जनता को नुकसान : उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पर भाजपा ने राजनीती की है. यह प्रोजेक्ट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय बनाया गया था, उनको माइलेज नहीं दिया. पांच साल कांग्रेस की सरकार थी, इसलिए इस पर बात आगे नहीं बढ़ाई. अब जो प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनेगी, उसमें आठ हजार करोड़ रुपए पहले की तुलना में ज्यादा खर्च होंगे. इससे राजस्थान को नुकसान हुआ है. परियोजना में भी देरी हुई है. अब यह गलत समझौता किया गया है. लोकसभा चुनाव का परिणाम बताएगा कि लोग इनको क्या सबक सिखाते हैं.
केंद्र ने काम रोकने का किया प्रयास : डोटासरा ने कहा कि यह कोई छिपी हुई बात नहीं है, बल्कि कागजों के ऊपर है. अभी भी एमओयू हो रहे हैं, जबकि हमने तो दस हजार करोड़ रुपए ईआरसीपी के लिए स्वीकृत कर दिए थे. काम भी शुरू कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने काम रोकने का भी प्रयास किया, इसके बावजूद हमने काम जारी रखा. 13 जिलों के लोगों को पीने का पानी भी मिलना चाहिए. उद्योगों को भी पानी मिलना चाहिए और सिंचाई का पानी भी मिलना चाहिए. धीरे-धीरे सब चीजें सामने आ जाएंगी. भाजपा के लोग जिनका जमीर जिंदा है, वे भी आने वाले दिनों में इस पर बोलेंगे कि यह गलत हुआ है.
शेखावत ने की जानता के हितों की अनदेखी : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अभी भी इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है. हालांकि, कहा जा रहा है कि परियोजना खर्च में केंद्र राज्य का अनुपात 90:10 का होगा, लेकिन वे ये कैसे करेंगे यह भी अभी साफ नहीं है. आप राजस्थान के लोगों के साथ अन्याय नहीं कर सकते, लेकिन इस एमओयू में मुख्यमंत्री को तो कुछ पता ही नहीं है. जल शक्ति मंत्री राजस्थान के हैं, लेकिन उन्होंने भी राजस्थान के हितों का ध्यान नहीं रखा है. 2017 की डीपीआर के मुताबिक जो पानी मिलना चाहिए था, उतना पानी अब हमें नहीं मिलेगा.
हिजाब विवाद को लेकर दिया यह बयान : डोटासरा ने कहा कि कुछ ऐसे लोग सदन में भी आ गए हैं और बाहर भी हैं, जो समय-समय पर केवल धार्मिक उन्माद फैलाने की बात करते हैं. ऐसे लोग संविधान को नहीं मानते हैं. अपना खुद का संविधान चलाने का प्रयास करते हैं. ऐसे लोग समाज, देश-प्रदेश के हितैषी नहीं हो सकते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए और समय आने पर जानता ऐसे लोगों का इलाज भी कर देगी.