चंडीगढ़: आज पौष पूर्णिमा है. आज के दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है. आज के दिन खास विधि से शुभ मुहूर्त में पूजा करने से सुख समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है. सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. आज के दिन नदी में स्नान के बाद दान करना शुभ माना गया है. आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है.
पूजा का शुभ मुहूर्त: पंडित श्रद्धानंद मिश्रा ने बताया, "पौष महीने की पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार 13 जनवरी को सुबह 5:03 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन 14 जनवरी को सुबह 3:56 मिनट पर होगा. इस समय आज के दिन विधिवत व्रत रखा जाता है. व्रत रखने वाले चंद्रमा के दर्शन करके उनको अर्घ्य देते हैं. आज के दिन से ही प्रयागराज में महाकुंभ का भी आरंभ हो रहा है. इस दिन पूजा करने के लिए शुभ ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04.46 से सुबह 05.37 तक है. अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.08 से दोपहर 12.49 बजे तक है. गोधूलि मुहूर्त शाम 05.28 बजे से शाम 05.55 बजे तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 01.59 बजे से दोपहर 02.44 बजे तक है. वहीं, निशिता काल मुहूर्त रात 12.02 बजे से प्रात: 12.56 बजे तक है."
बन रहे शुभ संयोग: इस साल पौष पूर्णिमा पर 144 सालों के बाद अद्भुत और शुभ संयोग बन रहा है. पौष पूर्णिमा के दिन ही साल 2025 के महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है, जिसका आयोजन प्रयागराज में हो रहा है. इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान अवश्य करना चाहिए. स्नान करने के बाद दान करने से इंसान को सुख-समृद्धि और तरक्की मिलती है. साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं.
इन चीजों का करें दान : पंडित श्रद्धानंद मिश्रा ने बताया "पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. साथ ही आज के दिन कंबल भी दान करना चाहिए. आज के दिन तिल का दान करना शुभ माना जाता है. आज के दिन गेहूं का दान करने से कभी धन की कमी नहीं रहेती है. साथ ही जीवन में तरक्की मिलती है."
पूजा की विधि विधान :
- सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें.
- संभव न हो सके तो घर में पानी की बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें.
- उसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें.
- स्नान करने के बाद दान करें.
- घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करके उनकी पूजा अर्चना करें.
- उनके आगे देसी घी का दीपक जलाएं.
- उनको पीले रंग के फल-फूल, वस्त्र, मिठाई अर्पित करें.
- शाम की पूजा के दौरान अपने पास कलश में पानी रखें.
- भगवान विष्णु को पंचामृत, केला और पंजीरी का भोग लगाए.
- इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा भी करें, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है.
- फिर भगवान विष्णु और माता-लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें.
- चांद के दर्शन करने के बाद अपने व्रत का पारण करें.
- इसके बाद गाय, ब्राह्मण और जरूरतमंदों को भोजन दें और फिर खुद भोजन करें.
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