श्रीगंगानगर/सिरोही. यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इस परिणाम में श्रीगंगानगर की पौरवी गुप्ता को सफलता मिली है. सिविल सेवा की परीक्षा में पौरवी ने 213वीं रैंक हासिल करके क्षेत्र का मान बढ़ाया है. पौरवी गुप्ता के चयन के बाद घर में खुशी का माहौल है. रैंक के मुताबिक़ पौरवी गुप्ता का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में हुआ है. पौरवी के माता- पिता दोनों शिक्षक हैं और स्कूल चलाते हैं. भाई माधव गुप्ता सीएफए में अध्यनरत है.
पिता राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि पौरवी की स्कूली शिक्षा स्थानीय गुड शैफर्ड स्कूल से तथा बीए दिल्ली विश्वविद्यालय से हुआ. उन्होंने बताया कि चौथे प्रयास में पौरवी ने इस परीक्षा में यह सफलता हासिल की है. 25 वर्षीय पौरवी ने सफलता का श्रेय माता-पिता एवं अपने ताऊजी प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त पद से रिटायर केसी जैन को दिया है. उन्होंने बताया कि नियमित अभ्यास से आत्मविश्वास एवं एकाग्रता में बढ़ोतरी हुई और परीक्षा मे सफलता मिली. वहीं, पिता राधेश्याम गुप्ता बेटी की कामयाबी को बालाजी महाराज की कृपा बता रहे हैं, तो माता कविता गुप्ता का कहना है कि पौरवी का परिश्रम और बड़ों का आशीर्वाद फलदायी रहा.
बेटी ने सपना किया पूरा : पौरवी का कहना है कि इस सफलता तक पहुंचने में काफी उतार चढ़ाव रहे, लेकिन जब सफलता मिलती है, तो काफी ख़ुशी होती है. पौरवी ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग हर इंसान पर निर्भर करता है. बहुत से लोग सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए भी परीक्षाएं पास करते हैं, लेकिन ये निर्भर करता है कि वे इसे किस तरह प्रयोग कर रहे हैं. पौरवी के माता पिता ने कहा कि उनका सपना उनकी बेटी ने पूरा कर दिखाया है.
सिरोही के रविंद्र बने आईएएस : यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2023 में सिरोही जिले के मंडार गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षक के बेटे ने 138वीं रैंक हासिल की है, रविंद्र कुमार मेघवाल ने अपने प्रथम प्रयास में सफलता प्राप्त की है. सूची जारी होने के बाद घर में ख़ुशी का माहौल है. 23 वर्षीय रविंद्र पढ़ाई में शुरू से ही मेधावी रहे हैं. 5वीं तक की पढ़ाई उन्होंने आदर्श विद्या मंदिर मंडार से करने के बाद नवोदय विद्यालय कालंद्री (सिरोही) से 12 वीं उत्तीर्ण की. इसके बाद मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी उदयपुर से बीएससी की पढ़ाई करके घर पर ही सेल्फ़ स्टडी कर यूपीएससी की तैयारी की. रविंद्र ने प्रिलिम्स से चार माह जयपुर जाकर तैयारी शुरू की. रविंद्र ने बताया कि कॉलेज के समय यूपीएससी का लक्ष्य निर्धारित किया था. अपने दादा से इसको लेकर काफी प्रेरणा मिली. परीक्षा पास करने पर रविंद्र ने अपने परिवार के सदस्यों व मित्रों को सफलता का श्रेय दिया है. रविंद्र के एक भाई 12वीं कक्षा में और दो बहने कॉलेज की पढ़ाई कर रही हैं. पिता सेकंड ग्रेड शिक्षक हैं और मां गृहिणी हैं.