अजमेर. रिश्वत प्रकरण के एक पुराने मामले में अजमेर की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट ने पटवारी को 2 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है. मामला नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र में भेरूंदा का है.
पटवारी राम रतन जाट को एसीबी ने साढ़े तीन हजार की रिश्वत लेते 6 फरवरी 2012 को ट्रैप किया था. अभियोजन विभाग में सहायक निदेशक सीताराम चितारा ने बताया कि भैरूंदा निवासी परिवादी धनराज जाट ने डेगाना के भेरूंदा हलके के पटवारी जाट के खिलाफ एसीबी में शिकायत दी थी. उसका आरोप था कि उसके मामा मोहन राम जाट के खेत में कुएं पर बिजली के कनेक्शन के लिए उसने पटवारी से रिपोर्ट मांगी थी. इसकी एवज में पटवारी ने 5 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी. इसके बाद एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई की थी.
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13 साल बाद पटवारी को हुई सजा: चितारा ने बताया कि इस प्रकरण में अजमेर एसीबी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 53 पेज का फैसला दिया है. इसमें आरोपी पटवारी रामरतन जाट को 2 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार रुपए जमाने से दंडित किया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करवाने पर 6 माह का कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा. उन्होंने बताया कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाह, 30 दस्तावेज और 9 आर्टिकल कोर्ट के समक्ष पेश किए गए थे. इनके आधार पर एसीबी कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.