दुर्ग : पाटन ब्लॉक के पतोरा गांव की सरपंच को जिस काम के लिए सम्मान मिला था,आज उसी काम के लिए उनकी सरपंची चली गई है. पतोरा गांव की सरपंच अंजिता साहू पर फिजिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एफएसटीपी के आय व्यय पर गड़बड़ी करने के आरोप लगे.जिसके बाद अंकिता को सरपंच पद से बर्खास्त करते हुए आगामी 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ने पर रोक लगा दी गई.आपको बता दें कि अंकिता को वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के लिए मार्च 2023 में नई दिल्ली में राष्ट्रपति ने स्वच्छ सुजल सम्मान से सम्मानित भी किया था.
क्यों हुई सरपंच पर कार्रवाई : आपको बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित फिजिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट के आय व्यय में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. जिसे लेकर ग्राम वासियों ने शिकायत की थी. पतोरा पंचायत को जब ये प्लांट हैंडओव्हर किया गया तब इसकी मेंटनेंस की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की थी.अंजिता ने इस दौरान ग्राम सभा को बिना बताए पंचायत खाते में 24 हजार रुपए जमा करवाएं.जिसकी सच्चाई ऑडिट में सामने आई. वहीं एक और मामले में गांव के ही जर्जर स्कूल के डिस्मेंटल के बाद सामग्रियों का स्टॉक पंजी नहीं बनाया .यही नहीं इस काम में विधिवत नीलामी नहीं कराई गई.जिसके कारण पंचायती राज अधिनियम 1933 की धारा 40 के तहत सरपंच पर कार्रवाई की गई.
SDM ने जांच के बाद की कार्रवाई : पाटन के अनुभव अनुविभागीय अधिकतर अधिकारी लवकेश ध्रुव ने ये कार्रवाई की है. पद से हटाए जाने के साथ ही अंजिता साहू 6 साल के लिए चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगी, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है. पतोरा के 50 से ज्यादा ग्रामीणों ने जिला पंचायत में सरपंच के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जुलाई 2024 को 13 बिंदुओं में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें जांच के बाद धारा 40 के तहत कार्रवाई की मांग की थी. इस मांग के बाद एसडीएम ने इस पर कार्यवाही करते हुए जांच के बाद अंजिता साहू को पद से बर्खास्त कर दिया है.