पटनाः एक तरफ जहां भीषण गर्मी की मार से लोग परेशान हैं, तो सब्जियों के भाव भी आसमान पर हैं. मतलब मौसम के साथ-साथ महंगाई की मार ने बिहार के लोगों को बेजार कर दिया है. सब्जियां इतनी महंगी हो गयी हैं कि कीमत सुनकर ही पसीने छूट रहे हैं. सब्जियों की महंगाई ने पूरे किचन का बजट बिगाड़ कर रख दिया है.
कम सब्जी से ही काम चलाने की मजबूरीः सब्जियों की कीमतों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बिहार की राजधानी पटना की सबसे बड़ी सब्जी मंडी मीठापुर सब्जी मंडी का जायजा लिया. आम दिनों में जहां मंडी में भारी भीड़ दिखती है, सब्जियों की महंगाई के कारण काफी कम ग्राहक नजर आ रहे थे. बाजार में आनेवाले ग्राहक भी कुछ खास सब्जियों की ही खरीदारी करते नजर आए ताकि किसी तरह काम चलाया जा सके.
आलू 30 के पार तो टमाटर 80 रुपये किलोः 15 दिनों पहले तक 20 रुपये किलो बिकनेवाला आलू अब 30 रुपये के पार पहुंच चुका है जबकि टमाटर ने भी ऊंची छलांग लगाई है और 40 रुपये से सीधे 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. बाजार में आनेवाले ग्राहकों का कहना है कि बारिश नहीं होने के कारण सब्जियों के उत्पादन में कमी आई है, जिसका असर सब्जियों की कीमतों पर देखने को मिल रहा है. वहीं सब्जी विक्रेता भी इसे मौसम की बेरुखी से ही जोड़ कर देख रहे हैं.
"बारिश नहीं हो रही है, जिसके कारण उत्पादन कम हो रहा है. इससे सब्जी का रेट अभी बढ़ा हुआ है. किसान ज्यादा उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में कीमत बढ़नी तो तय है. फिर भी लोग अपने बजट के हिसाब से खरीद रहे हैं. मॉनसून की देरी से पानी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में किसान बोरिंग के सहारे कितना उत्पादन कर पाएंगे ?" नवल राय, थोक सब्जी विक्रेता
हरी मिर्च शतक के पार, प्याज भी 45 पर पहुंचाः वहीं हर किचन की जरूरत हरी मिर्च और प्याज भी पूरे ताव में हैं. 45 रुपये किलो प्याज लोगों के आंसू निकाल रहा है तो हरी मिर्च 100 रुपये किलो पर पहुंच कर बेहद तीखी लगने लगी है. इसके अलावा हरी सब्जियों के दाम भी तेजी पर हैं. कोई भी हरी सब्जी 60 रुपये किलो से कम नहीं बिक रही है. यहां तक कि 10 रुपये पीस बिकनेवाली लौकी भी अब 30 रुपये की हो गयी है.
किचन का बजट हुआ डांवाडोलः सब्जियों की महंगाई से सबसे ज्यादा परेशान परिवार की 'गृह मंत्री' यानी गृहिणियां हैं, जो बड़ी मुश्किल से किचन का बजट मैनेज कर पा रही हैं. गृहिणी गायत्री देवी ने बताया कि "इस मौसम में सब्जी के दाम बढ़ना कोई नयी बात नहीं है. हां पहले से ही महंगाई की मार और उस पर सब्जियों की आसमान छूती कीमतों से परेशानी बढ़ गयी है. क्योंकि बिना सब्जी के तो आदमी खा नहीं सकता है."
"क्या अमीर क्या गरीब थोड़ी-बहुत सब्जी तो सभी लोग खाते ही हैं, लेकिन सब्जियां दिन-प्रति दिन महंगी होती जा रही रही है. ऐसे में किचन का बजट दोगुना हो गया है. सरकार को महंगाई पर कंट्रोल करने की जरूरत है. पहले जितना खरीदते थे अब उसमें कटौती करके किचन चला रहे हैं." इंदिरा देवी, गृहिणी
क्या कहते हैं विशेषज्ञ ? : सब्जियों की कीमतों पर मौसम के असर को लेकरए एन सिन्हा इंस्टीच्यूट के विशेषज्ञ विद्यार्थी विकास का कहना है कि "भारत जलवायु की दृष्टि से सबसे कमजोर देशों में से एक है. यहां सब्जियों की कीमतें आम तौर पर मौसमी पैटर्न पर निर्भर करती हैं. गर्मी के दिनों मेंं पानी की कमी के कारण सब्जियों का उत्पादन कम होता है जिससे कीमतें यकायक बढ़ जाती हैं. वहीं ज्यादा बारिश होने पर भी सब्जियों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ता है. ऐसे में अभी आनेवाले कुछ दिनों तक सब्जियां महंगी ही रहेंगी."
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