पटनाः कॉलेज से स्कूल में ट्रांसफर के विरोध में राजधानी पटना की सड़कों पर छात्राओं का हुजूम उमड़ पड़ा. छात्राओं ने सरकार से तत्काल इस आदेश को वापस लेने की मांग की. इस आदेश के खिलाफ छात्राओं ने पटना के बीजेपी और जेडीयू ऑफिस का घेराव कर प्रदर्शन किया और आदेश वापस नहीं लेने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली.
11वीं के छात्रों को स्कूल में एडमिशन का निर्देशः दरअसल शिक्षा विभाग की ओर से 11वीं के छात्रों को कॉलेज की बजाय 10+2 स्कूल में एडमिशन लेने के निर्देश दिए गये हैं. इस निर्देश का छात्र विरोध कर रहे हैं. छात्राओं ने वी वांट जस्टिस के नारे के साथ राजधानी की सड़कों पर प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार से न्याय की मांग की है.
'एडमिशन लेने के बाद कहां जाएं'?; छात्राओं का कहना है कि जो छात्रा पहले से ही कॉलेज में एडमिशन ले चुकी हैं वो बीच में स्कूल में कैसे एडमिशन ले सकती हैं. जेडी विमेंस कॉलेज की छात्रा शोभा कुमारी का कहना है कि "हम जेडी विमेंस कॉलेज में पढ़ रहे हैं और अभी हमें कहा जा रहा है कि विद्यालय में जाकर पढ़ाई करो. यह कहां तक उचित है हमें न्याय चाहिए."
"हमें कहा गया है कि हम अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा स्कूलों में जारी रखें, न कि विश्वविद्यालय में. हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हमारा एक साल खराब हो जाएगा. जो भी बच्चे 10वीं का एग्जाम देकर महाविद्यालय में आना चाहेंगे, उनके लिए नया नियम लागू हो. जब हमने पहले से ही पढ़ रहे है तो यह हम पर क्यों लागू होगा?." - सोनम, छात्रा
'बीच सेशन में ट्रांसफर का आदेश गलत': छात्रों का कहना है कि सरकार क्या करना चाह रही है, ये हमें नहीं पता लेकिन बीच सेशन में हम पढ़ाई छोड़कर कैसे जा सकते हैं. ऐसे में तो हमें न स्कूलों में एडमिशन मिलेगा और न ही हम अपनी पढ़ाई ढंग से कर पाएंगे. इसलिए सरकार के इस फैसले का विरोध करने के लिए हम सड़कों पर उतरे हैं.सरकार जल्द से जल्द इसको लेकर निर्णय ले नहीं तो छात्रों का प्रदर्शन जारी रहेगा.
क्यों नाराज हैं छात्र? : दरअसल, बिहार के कॉलेज में पढ़ रहे 11वीं कक्षा के छात्र और छात्राओं को प्लस टू के स्कूलों में शिफ्ट करने की खबर है, छात्र-छात्राओं की मानें तो उनके पास दूसरे स्कूलों में शिफ्ट होने के मैसेज आ रहे है. जिससे 11वीं के छात्र-छात्राएं नाराज हैं और सड़कों पर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
क्या है नीतीश सरकार का +2 वाला फरमान? : नए नियम के मुताबिक, साल 2023-2025 के इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को ओएफएसएस वेब पोर्टल (Online Facilitation System for Students) पर 21 मार्च से 31 मार्च के बीच प्लस टू स्कूल का विकल्प भरना होगा. विकल्प भरने के बाद उसी के अनुसार सभी छात्र-छात्राओं को स्थानांतरित किया जाएगा.
1 अप्रैल से कॉलेजों में नहीं होगी इंटर की पढ़ाईः दरअसल 21 फरवरी 2024 को शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था. जिसके अनुसार शैक्षणिक सत्र 2024-25 से इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों में नहीं होगी. इसको लेकर विभाग ने राज्य कैबिनेट की मंजूरी भी ली थी. नये नियम के तहत डिग्री कॉलेजों में वर्तमान में संचालित इंटर स्तर की पढ़ाई पूरी होने पर 1 अप्रैल 2024 से पात्र सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में +2 की पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति दी गई है.
ये भी पढ़ेंःपटना में छात्रों का प्रदर्शन, एसडीओ ने लागू किया धारा 144, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई