पटनाः सिविल सर्जन डॉक्टर मिथिलेश कुमार सिन्हा की सजगता ने एक व्यक्ति की जान बचा ली. दरअसल पटना के जेपी पथ पर अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो लोग सड़क पर गिर पड़े. इनमें एक व्यक्ति मुन्ना शर्मा को तो हल्की चोट आई थी लेकिन दूसरे व्यक्ति पिंटू शर्मा गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश गये. इस बीच उस रास्ते से गुजर रहे सिविल सर्जन ने लोगों की भीड़ देखकर अपनी गाड़ी रुकवाई और सीपीआर देकर तुरंत जख्मी को होश में लाया.
बीच सड़क पर सीपीआर देकर बचाई जानः डॉक्टर मिथिलेश कुमार ने सड़क पर ही इलाज शुरू कर दिया. उन्होंने स्टेथोस्कोप से मरीज की जांच की तो पचा चला की उसकी सांस काफी धीमी चल रही है. जिसके बाद डॉक्टर ने सड़क पर ही सीपीआर देनी शुरू कर दी. थोड़ी सी कोशिश के बाद ही जख्मी पिंटू शर्मा को होश आ गया और वो बात भी करने लगे.
दोनों घायलों को पीएमसीएच भिजवायाः प्राथमिक उपचार के बाद सिविल सर्जन ने वहां से गुजर रही पुलिस गाड़ी रुकवाई और दोनों घायलों को पीएमसीएच भिजवाया. इससे पहले उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को फोन कर घायलों के लिए बेड उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये. मिल रही जानकारी के मुताबिक दोनों लोगों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है.
CPR क्या होता है? : सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिस्टेशन. दरअसल जब किसी शख्स का दिल अचानक धड़कना बंद हो जाता है कि तो वह व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है. इसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं. सीपीआर देते समय डरे नहीं, क्योंकि सीपीआर देने से कुछ सेकेंड पहले से लेकर 10 मिनट का समय काफी अहम होता है.
सीपीआर से बचाई जा सकती है जान : ऐसी अवस्था में उस व्यक्ति को बचाने के लिए सबसे पहले उसे लिटा देना चाहिए. इसके बाद उसकी छाती पर हाथ रखकर दबाते रहे, कई बार दबाने के बाद उस शख्स को अपने मुंह से उसके मुंह में भी सांस दें, इसे माउथ टू माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं. अगर हाथ से 30 बार छाती को दबाएं तो उसके अनुपात में मुंह से सांस दो बार दें. ऐसा करने से कई बार दिल फिर से धड़कने लगता है और व्यक्ति की जान बच जाती है.
नोट- इस आर्टिकल में बताई गईं बातें बिना किसी चिकित्सक के सलाह और ट्रेनिंग के ना करें.