पटना: पटना नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2024-2025 का बजट आज सोमवार 4 मार्च को क्रूज पर गंगा की सैर करते हुए पेश किया गया. एमवी स्वामी परमहंस विहार क्रूज पर बजट पेश किया गया. दीघा स्थित जनार्दन घाट पर बजट सत्र को लेकर निगम पार्षद की बैठक आयोजित की गई. बजट का आकार 2054 करोड़ रुपये का है. बजट पेश होने के साथ ही कई एजेंडों पर मुहर लगी.
"सर्वसम्मति से 2054 करोड़ का बजट पास हो गया है. जल जीवन हरियाली से लेकर के शहर की विभिन्न क्षेत्र में वाई-फाई लगाने का भी बजट में प्रावधान है. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में यूरिनल की व्यवस्था और उनके मेंटेनेंस का भी प्रबंध किया गया है."- सीता साहू, महापौर, पटना नगर निगम
बजट को समावेशी बतायाः महापौर ने बताया कि बजट में पर्यावरण का भी ख्याल रखा गया है. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया गया है. समावेशी बजट है और शहर में अतिक्रमण की समस्या को निजात दिलाने का भी निर्णय लिया गया है. कहा कि, बैठक में शहर को ओपन मैनहोल फ्री करने का लक्ष्य रखा गया है. बैठक में पार्षदों ने क्षेत्र के विकास संबंधित विभिन्न मुद्दों को निगम के अधिकारियों और महापौर के सामने रखा. महिला पार्षदों ने मार्केट में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं होने का मुद्दा उठाया. मानदेय बढ़ाने का भी मुद्दा उठाया.
महिलाओं के लिए शौचालय प्रमुख मुद्दा: महिलाओं के शौचालय के साथ-साथ पार्षदों के मानदेय के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने वाली वार्ड 62 की पार्षद तरुणा राय ने कहा कि शहर में महिलाओं के लिए शौचालय एक प्रमुख मुद्दा है. पिछली बार जब वह पार्षद थी तो कई जगहों पर उन्होंने शौचालय का निर्माण करवाया लेकिन उनके मेंटेनेंस आज के समय में सही नहीं है. शौचालय बनवाना ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इनका मेंटेनेंस करना बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. सभी शौचायलयों का मेंटेनेंस होना चाहिए क्योंकि शहर में कई जगह शौचालय बने हुए हैं लेकिन बदहाल अवस्था में हैं.
सम्मानजनक मानदेय होना चाहिएः तरुणा राय ने कहा कि निगम के पार्षदों के लिए जो मानदेय 2500 रुपये है जो बहुत कम है. एक सम्मानजनक मानदेय होना चाहिए. क्षेत्र में सबसे अधिक पार्षद ही जनता के बीच में रहते हैं. क्षेत्र में आने जाने का पेट्रोल कन्वेंस लगता है. दरवाजे पर सुबह से शाम तक क्षेत्र की जनता पहुंचती है और उनके लिए चाय पानी का खर्च होता है. ऐसे में यह मानदेय काफी कम है. पैसा बहुत मायने नहीं रखता बल्कि सम्मानजनक मानदेय पार्षदों के लिए होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि निगम सरकार को मानदेय बढ़ाने के लिए पत्र लिखे, अथवा यह मानदेय भी बंद कर दिया जाए.
अतिक्रमण की समस्या से निजात की तैयारी: नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. सबसे महत्वपूर्ण है कि मई 2024 तक पटना नगर निगम क्षेत्र को ओपन मैनहोल फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा शहर में अतिक्रमण एक महत्वपूर्ण समस्या है. इस पर सभी पार्षदों ने ठोस एक्शन प्लान तैयार करने का संकल्प लिया है. पार्षदों का मत है कि जिनका वेंडिंग जोन का लाइसेंस है और वेंडिंग जोन से बाहर सड़क पर अतिक्रमण करके सामान बेचते हैं उनका वेंडिंग लाइसेंस रद्द कर और उन पर कार्रवाई की जाए. इसके अलावा शहर में सड़क पर वेंडर्स के लिए विशेष समय निर्धारित करने का भी सुझाव प्राप्त हुआ है.
जल जमाव की समस्या रोकने की तैयारीः नगर आयुक्त ने कहा कि इन सब के अलावा पार्षदों की समस्या है कि उनके क्षेत्र में मेट्रो कार्य के दौरान बिना पार्षद और निगम के इंजीनियर की जानकारी के नाले तोड़े जा रहे हैं और डायरेक्शन बदला जा रहा है. निगम इस गंभीर समस्या मानता है. 2 महीने बाद मानसून आ जाएगा. ऐसे में जल जमाव की समस्या हो सकती है. इसको लेकर दो दिनों में एक्शन लिया जाएगा. उन क्षेत्रों का वह दौरा करेंगे जहां मेट्रो कार्य के कारण नल का डायरेक्शन चेंज हुआ है. नगर आयुक्त ने कहा कि शहर में बने शौचालयों का मेंटेनेंस एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस को लेकर महिला सफाई कर्मियों की 6 टीमें लगायी जाएंगी.