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पटना की सड़कों पर अवैध दुकानदारों का अतिक्रमण, HC ने DIG को किया जवाब तलब

पटना उच्च न्यायालय पटना की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण को लेकर डीआईजी से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई की.

Patna High Court
पटना उच्च न्यायालय (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2024, 4:15 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने पटना की सड़कों पर दुकानदारों द्वारा अवैध दुकानें खोलकर सड़क पर अतिक्रमण कर लिए जाने के मामले पर पटना के डीआईजी से जवाब-तलब किया है. जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने रौनक सिन्हा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर 2024 को होगी.

HC ने DIG को जवाब दायर करने के लिए कहा : कोर्ट ने पटना के डीआईजी से अगली सुनवाई की तारीख से पहले जवाब दायर करने को कहा है, ताकि यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि उन्होंने कोर्ट की अवमानना ​​नहीं की है या नहीं. कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि डीआईजी को सार्वजनिक भूमि/परिसर पर ऐसे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता थी, ताकि यातायात को व्यवस्थित किया जा सके. साथ ही फुटपाथ (साइड वॉक) बनाया जा सके.

पटना की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण : वर्तमान समय में दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए फुटपाथ पर चलना भी बहुत मुश्किल है. ऐसी जगहों पर अधिकतर पार्किंग वाहन या फेरीवाले राज्य सरकार नगर निगम के अधिकारियों के बीच एक खास समझ के साथ अवैध कब्जा कर लेते हैं.

आदेश की प्रतिलिपि आला अधिकारियों को भेजा गया : कोर्ट ने अपने आदेश में रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इस आदेश की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, डीजीपी, बिहार राज्य जिला परिवहन प्राधिकरण को अग्रेषित की जाए. साथ ही बिहार के मुख्य सचिव से अनुरोध किया जाए कि वे नगर निगम कानून और मोटर वाहन अधिनियम एवं नियम के अनुसार सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा की निगरानी के लिए एक स्थायी समिति का गठन करें.

पटना : पटना हाईकोर्ट ने पटना की सड़कों पर दुकानदारों द्वारा अवैध दुकानें खोलकर सड़क पर अतिक्रमण कर लिए जाने के मामले पर पटना के डीआईजी से जवाब-तलब किया है. जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने रौनक सिन्हा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर 2024 को होगी.

HC ने DIG को जवाब दायर करने के लिए कहा : कोर्ट ने पटना के डीआईजी से अगली सुनवाई की तारीख से पहले जवाब दायर करने को कहा है, ताकि यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि उन्होंने कोर्ट की अवमानना ​​नहीं की है या नहीं. कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि डीआईजी को सार्वजनिक भूमि/परिसर पर ऐसे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता थी, ताकि यातायात को व्यवस्थित किया जा सके. साथ ही फुटपाथ (साइड वॉक) बनाया जा सके.

पटना की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण : वर्तमान समय में दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए फुटपाथ पर चलना भी बहुत मुश्किल है. ऐसी जगहों पर अधिकतर पार्किंग वाहन या फेरीवाले राज्य सरकार नगर निगम के अधिकारियों के बीच एक खास समझ के साथ अवैध कब्जा कर लेते हैं.

आदेश की प्रतिलिपि आला अधिकारियों को भेजा गया : कोर्ट ने अपने आदेश में रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इस आदेश की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, डीजीपी, बिहार राज्य जिला परिवहन प्राधिकरण को अग्रेषित की जाए. साथ ही बिहार के मुख्य सचिव से अनुरोध किया जाए कि वे नगर निगम कानून और मोटर वाहन अधिनियम एवं नियम के अनुसार सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा की निगरानी के लिए एक स्थायी समिति का गठन करें.

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