पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सेकेंडरी स्कूलों में गेस्ट शिक्षकों को प्रतिवर्ष अनुभव के आधार पर पांच अंक देने के मामले पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी के 85 हजार शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा दी है. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने संदीप कुमार झा की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नीतीश सरकार को एक माह का डेडलाइन दिया है. पहली बार प्रश्न पत्र लीक होने पर मार्च 2024 को रद्द कर दिया गया था.
बीपीएससी शिक्षक भर्ती पर लगी रोक: पटना हाईकोर्ट के जस्टीस अंजनी कुमार शरण ने अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शिक्षक नियुक्ति के लिए बीपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है. बीपीएससी ने राज्य में 85 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निकाली थी. बीपीएससी ने 7 फरवरी 2024 को विज्ञापन निकाला था.
शिक्षकों को पांच अंकों का लाभ क्यों दिया जाए?: पहली बार प्रश्न पत्र लीक होने पर मार्च, 2024 को परीक्षा रद्द कर दी गई थी. पटना हाईकोर्ट ने जानना चाहा कि जब अतिथि शिक्षकों व संविदा शिक्षकों के कार्य समान हैं, तो अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष पांच अंकों का लाभ क्यों नहीं दिया जाए?. कोर्ट ने अतिथि शिक्षकों के वेटेज पर राज्य सरकार के एक माह का डेड लाइन दिया है.
राज्य सरकार एक माह में निर्णय लेने का निर्देश: पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस बारे में एक माह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि पिछड़ा और अतिपिछड़ा विभाग के शिक्षकों को प्रति वर्ष के अनुभव के लिए पांच अंक दिया जाता है. ये वेटेज अधिकतम 25 अंकों तक दिया जाता है.
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