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'मुस्लिम पुरुष के लिए दूसरी शादी वैध हो सकती है लेकिन यह पहली पत्नी के लिए क्रूरता की वजह'- HC की टिप्पणी - Patna High Court - PATNA HIGH COURT

Second Marriage In Muslims: बिना तलाक दिए और पहली पत्नी की रजामंदी के बैगर दूसरी शादी करने के मामले में पटना उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम व्यक्ति के लिए दूसरी शादी वैध हो सकती है लेकिन यह पहली पत्नी के लिए भारी क्रूरता का कारण बनती है. इसके साथ ही आरोपी पति की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

Patna High Court
Patna High Court (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 9, 2024, 6:39 AM IST

पटना: बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने एक अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए अभियुक्त पति को सीधे कोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया है. जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने मो. इरशाद कुरैशी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि मुस्लिम कानून के तहत शादी केवल एक करार ही नहीं, बल्कि उससे बढ़कर यह पति और पत्नी के बीच एक पवित्र, रूहानी और अनमोल भावनात्मक जुड़ाव होता है.

बगैर तलाक की थी दूसरी शादी: इरशाद के खिलाफ उसकी पहली पत्नी ने बेतिया स्थित कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर आरोप लगाया था कि उसके पति ने तलाक दिए बगैर और उसकी रजामंदी के खिलाफ दूसरी शादी कर ली है. उसके बाद उसे घर से बाहर भी कर दिया है.

पत्नी से सुलह की कोशिशें नाकाम: अभियुक्त पति की अग्रिम जमानत का मामला सुप्रीम तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई कर फैसला लेने का आग्रह हाईकोर्ट से किया. उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए बार-बार आरोपी पति और उसकी पहली पत्नी को सुलह करने के लिए बुलाया लेकिन इरशाद कई बार भागता रहा.

कोर्ट ने आरोपी पति को भेजा जेल: कोर्ट ने पश्चिम चंपारण के एसपी को 24 अप्रैल को आदेश दिया कि आरोपी इरशाद को हाईकोर्ट में पेश कराए. पिछले 3 मई को जब इरशाद हाई कोर्ट के समक्ष हाजिर हुआ तो उसने कोर्ट के भीतर चिल्ला चिल्ला कर बगैर किसी सबूत दिखाए अपनी पहली पत्नी पर बदचलनी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह किसी भी हालात में पहली पत्नी के साथ नहीं रहेगा. अदालत ने इरशाद के बर्ताव पर हैरानी जताते हुए उसे कोर्ट से ही सीधा जेल भेजने का निर्देश दिया.

पटना: बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने एक अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए अभियुक्त पति को सीधे कोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया है. जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने मो. इरशाद कुरैशी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि मुस्लिम कानून के तहत शादी केवल एक करार ही नहीं, बल्कि उससे बढ़कर यह पति और पत्नी के बीच एक पवित्र, रूहानी और अनमोल भावनात्मक जुड़ाव होता है.

बगैर तलाक की थी दूसरी शादी: इरशाद के खिलाफ उसकी पहली पत्नी ने बेतिया स्थित कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर आरोप लगाया था कि उसके पति ने तलाक दिए बगैर और उसकी रजामंदी के खिलाफ दूसरी शादी कर ली है. उसके बाद उसे घर से बाहर भी कर दिया है.

पत्नी से सुलह की कोशिशें नाकाम: अभियुक्त पति की अग्रिम जमानत का मामला सुप्रीम तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई कर फैसला लेने का आग्रह हाईकोर्ट से किया. उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए बार-बार आरोपी पति और उसकी पहली पत्नी को सुलह करने के लिए बुलाया लेकिन इरशाद कई बार भागता रहा.

कोर्ट ने आरोपी पति को भेजा जेल: कोर्ट ने पश्चिम चंपारण के एसपी को 24 अप्रैल को आदेश दिया कि आरोपी इरशाद को हाईकोर्ट में पेश कराए. पिछले 3 मई को जब इरशाद हाई कोर्ट के समक्ष हाजिर हुआ तो उसने कोर्ट के भीतर चिल्ला चिल्ला कर बगैर किसी सबूत दिखाए अपनी पहली पत्नी पर बदचलनी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह किसी भी हालात में पहली पत्नी के साथ नहीं रहेगा. अदालत ने इरशाद के बर्ताव पर हैरानी जताते हुए उसे कोर्ट से ही सीधा जेल भेजने का निर्देश दिया.

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