पटना : पटना हाई कोर्ट ने फार्मासिस्ट पद पर बहाली मामले पर सुनवाई करते हुए ने राज्य सरकार को फार्मासिस्ट की बहाली लोक सभा चुनाव के बाद तीन माह में पूरा करने का आदेश दिया है. जस्टिस डा. अंशुमान ने अरविन्द कुमार की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि इस पद पर बहाली का शैक्षणिक योग्यता केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी ही रहेगी.
'लिखित परीक्षा के आधार पर बहाली' : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शशिभूषण सिंह ने कोर्ट को बताया कि फार्मासिस्ट पद पर बहाली के लिए सरकार ने विज्ञापन प्रकाशित किया था. इस पद पर बहाली के लिए तकनीकी शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा इन फार्मेसी रखा गया है. पहले अंकों के आधार पर बहाली करने की बात कही गई थी और अब सरकार अंकों के बजाये लिखित परीक्षा के आधार पर बहाली करने के लिए संशोधन करने की जानकारी दी है.
'नियुक्ति की सारी प्रक्रिया चुनाव के 3 महीने के अंदर करें' : इस पर राज्य सरकार की ओर से कोर्ट की बताया गया कि बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली में सामान्य प्रशासन के पत्र के आलोक में कुल प्राप्तांक के स्थान पर लिखित परीक्षा में संशोधन जल्द कर दिया जायेगा. कोर्ट ने राज्य सरकार को फार्मासिस्ट पद के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने और नियुक्ति की सारी प्रक्रिया लोकसभा चुनाव के बाद तीन माह के भीतर पूरा कर लेने का आदेश दिया. इसके साथ ही मामले को निष्पादित कर दिया.
पटना HC को मिलेगा एक और जज : छत्तीसगढ़ के जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल को पटना हाई कोर्ट का जज बनाया जायेगा. जस्टिस चंदेल के नाम की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित पांच वरिष्ठ जजों की कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से की है. केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने और राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद जस्टिस चंदेल पटना हाई कोर्ट के जज के पद की शपथ लेंगे. जस्टिस चंदेल का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से पटना हाई कोर्ट में प्रशासनिक कारणों से किया गया है.
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