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पटना हाईकोर्ट ने बिहार के GST अफसरों पर ठोका 5000 का जुर्माना, जानें पूरा मामला

Patna High Court: पटना हाई कोर्ट ने राज्य में GST से संबंधित विवादों पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने राज्य के टैक्स अफसरों पर 5 हजार रुपए का हर्जाना ठोका है. कोर्ट ने इसको लेकर बड़ा फैसला सुनाया है.

Patna High Court
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 20, 2024, 7:03 AM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जीएसटी से संबंधित विवाद के अंतिम निपटारे के लिए ट्रीब्यूनल गठित नहीं रहने के कारण कुल लगाए गए टैक्स की 20 फीसदी राशि अपील के लिए जमा कर प्रतीक्षा कर रहे जीएसटी कर दाताओं से टैक्स की पूरी राशि को वसूलने के मामले में नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट ने राज्य के टैक्स अफसरों पर 5 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

दो हफ्ते में वसूली राशि लौटाने का आदेश: चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, पटना क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से दायर रिट याचिका को मंजूर करते हुए ये फैसला दिया. हाई कोर्ट ने राज्य के कर विभाग के अधिकारियों को दो हफ्ते के अंदर याचिकाकर्ता कॉरपोरेशन से वसूल की गई कुल सेवा एवम् वस्तु कर की 80 फीसदी राशि ( लगभग 20 करोड़ ) को दो हफ्ते में लौटाने का भी आदेश दिया है.

'..तो ब्याज भी वसूला जाएगा': यदि वसूली की राशि लौटाने में उक्त दो हफ्ते से ज्यादा समय लगता है, तो राज्य सरकार को 12 फीसदी ब्याज के साथ अत्यधिक वसूली किए गए जीएसटी राशि को लौटाने का भी आदेश है. याचिकाकर्ता के वकील गौतम केजरीवाल ने कोर्ट को बताया की अन्य मामलों में भी पहले हाई कोर्ट ने राज्य के कर विभाग को निर्देश दे रखा है.

क्या बोले एडवोकेट?: पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ने कहा, 'बिहार में अगर ट्राइब्यूनल कार्यरत नहीं है, तो जीएसटी करदाताओं को अपील दायर करने के लिए निर्धारित 20 फीसदी वसूलनीय कर की राशि जमा करके ट्रीब्यूनल के गठन की प्रतीक्षा करने की छूट दिया है. फिर भी टैक्स अफसर मनमाने तरीके से सौ फीसदी जीएसटी कर वसूल रहे हैं. जो अत्यधिक है और अपील के प्रावधान को औचित्यहीन कर देता है.'

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस, हेल्थ एंड एजुकेशन सेस की धनराशि पर मांगा जवाब

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जीएसटी से संबंधित विवाद के अंतिम निपटारे के लिए ट्रीब्यूनल गठित नहीं रहने के कारण कुल लगाए गए टैक्स की 20 फीसदी राशि अपील के लिए जमा कर प्रतीक्षा कर रहे जीएसटी कर दाताओं से टैक्स की पूरी राशि को वसूलने के मामले में नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट ने राज्य के टैक्स अफसरों पर 5 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

दो हफ्ते में वसूली राशि लौटाने का आदेश: चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, पटना क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से दायर रिट याचिका को मंजूर करते हुए ये फैसला दिया. हाई कोर्ट ने राज्य के कर विभाग के अधिकारियों को दो हफ्ते के अंदर याचिकाकर्ता कॉरपोरेशन से वसूल की गई कुल सेवा एवम् वस्तु कर की 80 फीसदी राशि ( लगभग 20 करोड़ ) को दो हफ्ते में लौटाने का भी आदेश दिया है.

'..तो ब्याज भी वसूला जाएगा': यदि वसूली की राशि लौटाने में उक्त दो हफ्ते से ज्यादा समय लगता है, तो राज्य सरकार को 12 फीसदी ब्याज के साथ अत्यधिक वसूली किए गए जीएसटी राशि को लौटाने का भी आदेश है. याचिकाकर्ता के वकील गौतम केजरीवाल ने कोर्ट को बताया की अन्य मामलों में भी पहले हाई कोर्ट ने राज्य के कर विभाग को निर्देश दे रखा है.

क्या बोले एडवोकेट?: पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ने कहा, 'बिहार में अगर ट्राइब्यूनल कार्यरत नहीं है, तो जीएसटी करदाताओं को अपील दायर करने के लिए निर्धारित 20 फीसदी वसूलनीय कर की राशि जमा करके ट्रीब्यूनल के गठन की प्रतीक्षा करने की छूट दिया है. फिर भी टैक्स अफसर मनमाने तरीके से सौ फीसदी जीएसटी कर वसूल रहे हैं. जो अत्यधिक है और अपील के प्रावधान को औचित्यहीन कर देता है.'

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