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शराब ले जाने के दौरान सिर्फ बाइक का इस्तेमाल वाहन जब्त करने के लिए पर्याप्त नहीं, पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई - Hearing in Patna High Court

Patna High Court: गोपालगंज में मोटरसाइकिल से शराब मिलने के मामले में जब्त करने को हाईकोर्ट ने गैरकानूनी करार दिया है. अदालत ने वाहन मालिकन को मुआवजे के रूप में एक-एक लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया. जिनके वाहन चालक के पीछे बैठे व्यक्ति के बैग से शराब जब्त होने के बाद जब्त किए गए थे.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 1, 2024, 10:56 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बजंथ्री और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने शराबबंदी कानून पर मोटरसाइकिल की मालकिन सुनैना की ओर से दायर रिट याचिका को मंजूर करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है. पटना कोर्ट ने कहा है कि यदि एक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा सवार बैग में शराब छुपा के ले जा रहा है. वह मोटरसाइकिल न तो ड्राइवर की और न ही पीछे बैठ शराब छुपा के ले जाने वाले शख्स की. ऐसी स्थिति में उक्त मोटरसाइकल को जब्त कर राज्यसात नहीं किया जा सकता है.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: गोपालगंज में एक महिला के नाम से पंजीकृत मोटरसाइकल पर बैठे सवारी के बैग से मिले 13 लीटर शराब पकड़े जाने के कारण अवैध तरीके से मोटरसाइकल को राज्यसात किए जाने को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया. कोर्ट ने कहा कि शराब ले जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल भी जब्ती और जब्ती के लिए पर्याप्त नहीं है.

पटना हाईकोर्ट डीएम को मुआवजा देने का दिया आदेश: पटना हाई कोर्ट ने शराब की बरामदगी के संबंध में जब्त किए गए दोपहिया वाहन की मालकिन को मुआवजे के रूप में 1 लाख रुपये के भुगतान का गोपालगंज के जिलाधिकारी व समाहर्ता को आदेश दिया है. कोर्ट ने पीड़ित मोटरसाइकल के मालिकन को बतौर मुआवजा अगले 10 दिनों के अंदर भुगतान करने को दिया आदेश.

बिहार में शराबबंदी कानून: बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू किया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी और बिहार एक आदर्श राज्य बनेगा. लेकिन आए दिन शराब कानून तोड़ने न केवल बिहार सरकार को झटका लगा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

पटना: पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बजंथ्री और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने शराबबंदी कानून पर मोटरसाइकिल की मालकिन सुनैना की ओर से दायर रिट याचिका को मंजूर करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है. पटना कोर्ट ने कहा है कि यदि एक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा सवार बैग में शराब छुपा के ले जा रहा है. वह मोटरसाइकिल न तो ड्राइवर की और न ही पीछे बैठ शराब छुपा के ले जाने वाले शख्स की. ऐसी स्थिति में उक्त मोटरसाइकल को जब्त कर राज्यसात नहीं किया जा सकता है.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: गोपालगंज में एक महिला के नाम से पंजीकृत मोटरसाइकल पर बैठे सवारी के बैग से मिले 13 लीटर शराब पकड़े जाने के कारण अवैध तरीके से मोटरसाइकल को राज्यसात किए जाने को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया. कोर्ट ने कहा कि शराब ले जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल भी जब्ती और जब्ती के लिए पर्याप्त नहीं है.

पटना हाईकोर्ट डीएम को मुआवजा देने का दिया आदेश: पटना हाई कोर्ट ने शराब की बरामदगी के संबंध में जब्त किए गए दोपहिया वाहन की मालकिन को मुआवजे के रूप में 1 लाख रुपये के भुगतान का गोपालगंज के जिलाधिकारी व समाहर्ता को आदेश दिया है. कोर्ट ने पीड़ित मोटरसाइकल के मालिकन को बतौर मुआवजा अगले 10 दिनों के अंदर भुगतान करने को दिया आदेश.

बिहार में शराबबंदी कानून: बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू किया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी और बिहार एक आदर्श राज्य बनेगा. लेकिन आए दिन शराब कानून तोड़ने न केवल बिहार सरकार को झटका लगा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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