पटना: मंगलवार को प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में ठंड के कारण कक्षा 8 तक के पठन पाठन का कार्य बंद रहा. बता दें कि सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी किया गया कि पटना डीएम ने बिना विभाग के अनुमति के स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय मान्य नहीं है और जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने जिले में कक्षा 8 तक के विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू कराएं.
25 जनवरी तक पटना डीएम ने छुट्टी बढ़ाई : इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी तमाम विद्यालयों के प्रधानाचार्य को विभाग का पत्र प्रेषित करते हुए कहा कि मंगलवार से कक्षा आठवीं तक के विद्यालयों में पाठन-पाठन शुरू करें. लेकिन इन्हीं सबके बीच पटना डीएम ने स्पष्ट निर्देश दे दिया कि जिले में धारा 144 का प्रयोग कर विद्यालयों को बंद करने का अधिकार डीएम को है. ठंड की स्थिति को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है और 25 जनवरी मंगलवार को विद्यालय बंद रहेंगे.
चिकित्सकों ने भी कही ध्यान देने की जरूरत : डीईओ ने मंगलवार को यह भी कहा की जरूरत पड़ी तो मौसम के प्रतिकूल स्थिति को देखते हुए ठंड के कारण कक्षा आठवीं तक के विद्यालय की बंदी को आगे और बढ़ाया जाएगा. यह उनके क्षेत्राधिकार का मामला है. इसके बाद मंगलवार को जिले के सभी सरकारी और निधि विद्यालय कक्षा आठवीं तक का पठन-पाठन बंद रहा. इन सब के बीच चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के मौसम में बच्चों पर ध्यान देना विशेष जरूरी होता है. बच्चों के स्किन पतले होते हैं और इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इस वजह से ठंड की चपेट में आने के हाई रिस्क जोन में होते हैं.
आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल ने कहा कि "ठंड के मौसम में बच्चों के विद्यालय में पढ़ने से दिक्कत नहीं है. लेकिन अभी के समय दिन और रात का तापमान काफी कम रह रहा है. ऐसे में स्कूल आने-जाने के क्रम में बच्चों के ठंड की चपेट में आने की रिस्क अधिक है. जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को गर्म कपड़े से ढक कर रखें और घर से बाहर जाकर खेलने से कुछ दिन के लिए रोकें. इसके अलावा बच्चों की इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए बच्चों को पोषण युक्त भोजन कराएं."
"अधिकारियों के बीच निर्देश जारी करने को लेकर जो मामला हुआ है वह उनके संज्ञान में भी आया है. मामले को देख रहे हैं और जरूरी कार्रवाई होगी. फिलहाल शिक्षा व्यवस्था को और आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ गई है लेकिन उसे इस कदर सुदृढ़ करना है कि एक बार फिर से बिहार शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल बने."- आलोक कुमार मेहता, शिक्षा मंत्री
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