पटना: आगामी 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला का आयोजन होने जा रहा है. ऐसे में जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह और पटना एसएसपी राजीव मिश्रा घाट का जायजा लेने घाट पर पहुंचे. उन्होंने वहां यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला का भी जायजा लिया और सभी विभागों के पदाधिकारी के साथ बैठकर उन्हें ब्रीफिंग करते हुए कहा कि पुनपुन अन्तर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला का पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी महत्व है.
पितृ तर्पण की है ये प्रथम वेदी: बता दें कि यहां नेपाल, भूटान सहित देश-विदेश से हजारों की संख्या में तीर्थ-यात्री, श्रद्धालुगण और पर्यटक आते हैं. पुनपुन नदी को पितृ तर्पण की प्रथम वेदी के रूप में स्वीकार किया गया है. पुनपुन नदी पिंडदान स्थल पर पहुंचकर लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करते हैं.
सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था की तैयारी: इस साल यहां मेला में काफी बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के आने की संभावना है. जिसे लेकर जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सभी को सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था करते हुए तत्पर और मुस्तैद रहना होगा. सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय करते हुए मेला का सफल आयोजन सुनिश्चित करना होगा. पर्यटन, राजस्व, रेलवे, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमण्डल, नगर पंचायत, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन, यातायात, परिवहन सहित सभी विभागों को ससमय दायित्वों का निर्वहन करना होगा.
सीसीटीवी और कैमरे से होगी निगरानी: कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, पुनपुन को निर्देश दिया गया कि पूर्व से अधिष्ठापित सभी एलईडी हाईमास्ट लाइट को नगर पंचायत द्वारा क्रियाशील रखा जाए. संबंधित पदाधिकारियों को मेला क्षेत्र में अस्थायी नियंत्रण कक्ष के साथ पर्यटक सहायता सह सुविधा केन्द्र (हेल्पलाईन तथा मे आई हेल्प यू काउंटर) की स्थापना करने और वीडियो कैमरा/सीसीटीवी के द्वारा निगरानी करने का निर्देश दिया गया है.
"पुनपुन घाट पर अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला की शुरुआत 17 सितंबर से होगी. जिला प्रशासन के द्वारा इस मेले का आयोजन किया जाता है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगा. देश-विदेश से आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को सभी सुविधाएं मिलेगी. यात्रियों को ठहरने के लिए सुरक्षा की व्यवस्था,पार्किंग, में आई हेल्प यू जैसी तमाम सुविधाएं दी जाएगी."-डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
एन्टी-सैबोटाज जांच सुनिश्चित: जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थायी टेंट का निर्माण किया जाएगा. आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से बैरिकेडिंग, नाव, गोताखोर और एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. क्यूआरटी सक्रिय रहेगा, सम्पूर्ण मेला परिसर का एन्टी-सैबोटाज जांच सुनिश्चित किया जाएगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुनपुन घाट, रेलवे हॉल्ट और पुनपुन स्टेशन पर रेलगाड़ियों के अल्पकालीन ठहराव होगा.
सफल आयोजन के लिए नोडल पदाधिकारी: श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, साफ-सफाई, प्रकाश, यातायात एवं परिवहन, आवासन, सुरक्षा व्यवस्था, हेल्प डेस्क काउंटर एवं अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर तैयारी को लेकर विचार-विमर्श किया गया. एसएसपी राजीव मिश्रा के द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया कि अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मसौढ़ी मेला के सफल आयोजन के लिए नोडल पदाधिकारी रहेंगे. दोनों अधिकारी नियमित तौर पर तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
"सुरक्षा को लेकर तीन पालियों में पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. सभी जगह पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे. सभी जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और जिला पुलिस की तैनात की जाएगी."-राजीव मिश्रा, एसएसपी, पटना
पेयजल की आपूर्ति के लिए खास इंतजाम: पितृपक्ष मेला के अवसर पर पेयजल की समुचित व्यवस्था आवश्यक है. एसएसपी ने अनुमण्डल पदाधिकारी को पीएचईडी की सहायता से मेला परिसर में प्रमुख स्थानों पेयजल की आपूर्ति के लिए वाटर टैंक, वाटर एटीएम, जलदूत की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. स्थायी रूप से लगे चापाकलों की आवश्यकतानुसार मरम्मति और शुद्ध पानी की आपूर्ति के लिए चापाकलों में हैलोजन टैबलेट की आपूर्ति की जाएगी.