पटना: बिहार में बाढ़ की विभीषिका के कारण सभी त्रस्त रहते हैं. नदियों का रौद्र रूप हर साल डराता है. कहीं घर पानी में डूब जाते हैं तो कहीं फसल बर्बाद हो जाते हैं. कई स्थानों पर लोग अपना घर बार छोड़कर ऊंचे स्थानों में शरण लेने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें इस बात की तसल्ली है कि उनके अपने सुरक्षित हैं. ये तसल्ली फिलहाल बिहार के शिक्षकों के चेहरों पर नहीं दिख रही है. उनके चेहरों पर तो हर वक्त मौत का डर नजर आ रहा है. अपने शिक्षक साथी को खोने के बाद उनका ये डर अब उनकी जुबान पर आ चुका है. सभी एक सुर में सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.
बीच नदी में रोज टकराते हैं नाव: वैशाली के राघोपुर दियारा के एक घाट का वीडियो सामने आया है. जिसे देखकर कोई भी डर जाए. नावों पर सवार होकर शिक्षक नदी पार कर रहे थे. इसी दौरान बीच नदी में नाव में पानी भरने लगा. इतना ही कई नाव आपस में टकराकर जहां-तहां फंस भी गए. ऐसी स्थिति रोज ही देखने को मिलती है. नाव पर मौजूद शिक्षकों ने कहा कि ऐसे हालात में स्कूल जाने में हमें डर लग रहा है, लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
![Patna BPSC teacher died by drowning](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/24-08-2024/22283733_11-2.jpg)
"सरकार को नाव की व्यवस्था करनी चाहिए. समय भी देना चाहिए."- महिला शिक्षिका
"प्रशासन को ये तस्वीर दिखाया जाय. हमारी जान खतरे में है. स्कूल जाना पड़ा रहा है, कोई ऑप्शन नहीं है."- महिला शिक्षिका
जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं शिक्षक: वीडियो में साफ दिख रहा है कि नावों में खचाखच लोग भरे हुए हैं. इसमें शिक्षकों के साथ ही कई अन्य लोग भी हैं. महिलाओं और बच्चों की संख्या भी अच्छी खासी नजर आ रही है. नावों की टक्कर के कारण कई नाव बीच नदी की धार में फंस गए तो पास के ही एक पुल में लोगों ने किसी तरह से चढ़ना शुरू किया. एक दूसरे का हाथ पकड़कर सभी पुल के ऊपर जाने लगे. इस दौरान कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था. बता दें कि ये वीडियो कुछ समय पहले का है. इसे देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि कैसे शिक्षक ड्यूटी पर जाते हैं.
महिला शिक्षकों को भारी परेशानी: इस दौरान शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से स्पेशल नाव की व्यवस्था करने के लिए गुहार लगायी. काफी परेशानी के बीच लोग किसी तरह से अपनी जान बचाते नजर आ रहे हैं. महिला शिक्षकों को ज्यादा परेशानी हो रही है.
'स्कूल जाने में लगता है डर': आए दिन तेज धारा में नाव फंस रहे हैं. बता दें कि दानापुर के सरकारी शिक्षक अविनाश कुमार की शुक्रवार को गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई थी. उनकी एक महिला सहयोगी ने कहा कि हमारे स्कूल के सर थे,उनकी डूबने से मौत हो गई है. हेलमेट हिलाकर लगा रहे थे, तभी किनारे घाट पर फिसल गए. हम लोग स्कूल जाने के लिए घाट से रोज नाव पकड़ते हैं. स्थिति काफी खराब है लेकिन फिर भी हमलोगों को उस पार रोज जाना पड़ा रहा है. घाट के उस तरफ भी पानी भरा हुआ है.
![Patna BPSC teacher died by drowning](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/24-08-2024/22283733_11-1.jpg)
"नाविक लोगों के नाव में हर दिन जंगल फंसता है. बीच नदी में उतरकर वो लोग उसे साफ करते हैं. अविनाश सर नाव में चढ़ रहे थे, उससे पहले ही नाविक ने नाव खोल दिया. नाव खोलने के कारण वो घाट के पास किनारे पर गिर गए. एक भी नाविक उनको बचाने के लिए नदी में नहीं कूदा. एक रस्सी तक नहीं फेंका." मृतक शिक्षक अविनाश कुमार की सहयोगी
'कोई बचा लो..हमें तैरना नहीं आता है': पटना के ह्रदय विदारक घटना की प्रत्यक्षदर्शी शिक्षिका ने नम आंखों से घटना को याद कर कहा कि वो (अविनाश सर) हाथ उठाकर बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे. हमने कहा भी कि उनको कोई कूद कर बचा लो, हमें तैरना नहीं आता नहीं तो हम ही नदी में कूद जाते. एक भी नाविक पानी में नहीं कूदा. मौके पर एक भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम मौजूद नहीं थी. इतने सारे सरकारी शिक्षक नदी के उस तरफ जाते हैं, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं है.
शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश : इस बीच शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को थोड़ी राहत दी है. शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को निर्देशन दिया है कि अगर कुछ विशेष काम से शिक्षक या विद्यालय कर्मी तय समय पर नहीं पहुंच पाते हैं तो विलंब से दर्ज उपस्थिति मान्य होगी. एक घंटे तक की देरी से उपस्थिति दर्ज करना मान्य है. यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.
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