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एम्स की हेली एंबुलेंस साबित हो रही 'जीवनरक्षक', दो घायलों को एयरलिफ्ट कर बचाई जान - AIIMS HELI AMBULANCE

एयर एंबुलेंस सेवा मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. मरीजों को कम समय में ही बेहतर इलाज मिल रहा है.

Rishikesh AIIMS Heli Ambulance
ऋषिकेश एम्स का हेली एंबुलेंस बना मददगार (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की ओर से संचालित आपातकालीन हेली एंबुलेंस सेवा दुर्घटना के घायलों व गंभीर रूप से अस्वस्थ मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. राज्य सरकार के सहयोग से एम्स द्वारा संचालित नि:शुल्क हेली एंबुलेंस सेवा नियमित तौर पर क्रिटिकल श्रेणी के मरीजों को सुदूर इलाकों से तत्काल बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंचा रही है. जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है.

बीते दिन हेली एंबुलेंस के जरिए सुदूरवर्ती टिहरी व रुद्रप्रयाग जनपदों से दो गंभीर घायलों को रेस्क्यू कर एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया. इनमें से एक मरीज को आवश्यक परीक्षण एवं उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरे पेशेंट का उपचार जारी है. बृहस्पतिवार शाम टिहरी जिले में आयोजित एक्रो फेस्टिवल में प्रतिभाग के दौरान प्रतापनगर क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग पायलट हार्दिक कुमार घायल हो गए थे. जिन्हें तत्काल वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर अखिलेश उनियाल व ताराचंद वर्मा के आब्जर्वेशन में हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया.

जहां सिटी स्कैन व अन्य जरूरी जांच के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा घायल का उपचार किया गया. जिसके बाद पेशेंट को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं पहाड़ी से गहरी खाई में गिरने से गंभीर रूप से घायल रुद्रप्रयाग की युवती को नर्सिंग ऑफिसर शशिकांत की देखरेख में हेली एंबुलेंस के जरिए एम्स लाया गया, जहां ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में घायल का उपचार जारी है.

नि:शुल्क हेली एंबुलेंस के लिए ट्रॉमा व अन्य अत्यधिक गंभीर श्रेणी के मरीजों को तत्काल उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन- मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से सहयोग लिया जा सकता है. डॉ. मधुर उनियाल, नोडल अधिकारी, हेली एंबुलेंस, एम्स

एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित व उत्तराखंड सरकार की ओर से जन सुविधा व आपात स्थिति में आमजन की जीवन रक्षा के लिए यह आपातकालीन सेवा 24 घंटे तत्पर रहेगी. खासकर ट्रॉमा व अन्य गंभीर कैटेगरी के मरीजों व प्रसूताओं के लिए यह सेवा संजीवनी साबित हो रही है. सबको विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर एम्स संस्थान हमेशा उत्तराखंड सरकार को हर संभव सहयोग करेगा. प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स

पढ़ें-चमोली में छत से गिरकर घायल हुआ ग्रामीण, एयर एंबुलेंस से पहुंचाया गया एम्स ऋषिकेश

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की ओर से संचालित आपातकालीन हेली एंबुलेंस सेवा दुर्घटना के घायलों व गंभीर रूप से अस्वस्थ मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. राज्य सरकार के सहयोग से एम्स द्वारा संचालित नि:शुल्क हेली एंबुलेंस सेवा नियमित तौर पर क्रिटिकल श्रेणी के मरीजों को सुदूर इलाकों से तत्काल बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंचा रही है. जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है.

बीते दिन हेली एंबुलेंस के जरिए सुदूरवर्ती टिहरी व रुद्रप्रयाग जनपदों से दो गंभीर घायलों को रेस्क्यू कर एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया. इनमें से एक मरीज को आवश्यक परीक्षण एवं उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरे पेशेंट का उपचार जारी है. बृहस्पतिवार शाम टिहरी जिले में आयोजित एक्रो फेस्टिवल में प्रतिभाग के दौरान प्रतापनगर क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग पायलट हार्दिक कुमार घायल हो गए थे. जिन्हें तत्काल वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर अखिलेश उनियाल व ताराचंद वर्मा के आब्जर्वेशन में हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया.

जहां सिटी स्कैन व अन्य जरूरी जांच के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा घायल का उपचार किया गया. जिसके बाद पेशेंट को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं पहाड़ी से गहरी खाई में गिरने से गंभीर रूप से घायल रुद्रप्रयाग की युवती को नर्सिंग ऑफिसर शशिकांत की देखरेख में हेली एंबुलेंस के जरिए एम्स लाया गया, जहां ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में घायल का उपचार जारी है.

नि:शुल्क हेली एंबुलेंस के लिए ट्रॉमा व अन्य अत्यधिक गंभीर श्रेणी के मरीजों को तत्काल उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन- मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से सहयोग लिया जा सकता है. डॉ. मधुर उनियाल, नोडल अधिकारी, हेली एंबुलेंस, एम्स

एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित व उत्तराखंड सरकार की ओर से जन सुविधा व आपात स्थिति में आमजन की जीवन रक्षा के लिए यह आपातकालीन सेवा 24 घंटे तत्पर रहेगी. खासकर ट्रॉमा व अन्य गंभीर कैटेगरी के मरीजों व प्रसूताओं के लिए यह सेवा संजीवनी साबित हो रही है. सबको विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर एम्स संस्थान हमेशा उत्तराखंड सरकार को हर संभव सहयोग करेगा. प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स

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