गोपालगंज : कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हुई हत्या मामले को लेकर आईएमए के द्वारा देश व्यापी हड़ताल किया गया. इसका असर बिहार के गोपालगंज में भी देखने को मिला. डॉक्टर मरीजों के ईलाज करने सदर अस्पताल के ओपीडी में भी नहीं पहुंचे. हालांकि ओपीडी सेवा और इमरजेंसी सेवा को बाधित नहीं किया गया था. बावजूद इसके डॉक्टर नहीं पहुंचे.
गोपालगंज में डॉक्टर स्ट्राइक से मरीज परेशान : डॉक्टर के नहीं आने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई मरीज वापस लौट गए, वहीं कई मरीज डॉक्टरों के इंतजार करते हुए नजर आए. डॉक्टरों द्वारा किए गए विरोध और कार्य बहिष्कार को लेकर इलाज कराने दूर दूर से आए मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह बाधित हो गई.
''काफी देर से हम लोग अस्पताल में आए हैं. बच्ची को सुई लगवाना है. पर्ची भी नहीं काटा जा रहा है. यहां कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं है. हम लोग काफी दूर से आए हैं ताकि इलाज करा सकें लेकिन वापस लौटना पड़ रहा है.''- अरबिंद कुमार, मरीज के परिजन
क्या बोले सिविल सर्जन ? : ड्यूटी पर तैनात जीएनएम ने बताया कि अभी डॉक्टर नहीं आए हैं, लेकिन आने के लिए बोला गया है. काला पट्टी लगाकर काम करेंगे. वहीं इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी सेवा चालू रखा गए है. डॉक्टर द्वारा ओपीडी को बाधित करने के लिए कोई सूचना नहीं दी गई है.
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