लखनऊ: एक डॉक्टर ने कम पैसे में बेहतर इलाज करने का झांसा देकर मरीज को केजीएमयू से निकाल कर अपने अस्पताल भर्ती करा लिया. जहां इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई. अब मरीज की पत्नी ने इलाज में लापरवाही और वसूली का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर और सीएमओ से शिकायत की है. सीएमओ ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गोलागंज निवासी मुस्कान के मुताबिक, पति आलम (45) को 14 नवंबर को केजीएमयू में भर्ती कराया था, जहां उनका इलाज चल ही रहा था. इसी दिन खदरा पक्का पुल स्थित एमजे हॉस्पिटल से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को डॉ. जुनैद बताते हुए बेहतर इलाज का झांसा दिया. यही नहीं, एंबुलेंस भिजवाकर केजीएमयू से मरीज को शिफ्ट करा लिया. मुस्कान का आरोप है कि भर्ती करने के पहले 10 हजार रुपये जमा करवाए गए. पति को जरूरत नहीं होने पर भी ऑक्सीजन लगा दिया गया. जबकि केजीएमयू में यह नहीं लगा था. बेड चार्ज व दवाओं के नाम पर डेढ़ लाख रुपये वसूल लिए गए. आरोप है कि अस्पताल में अप्रशिक्षित स्टाफ और डॉक्टरों ने गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे पति की हालत बिगड़ गई और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर चले गए. गलत इलाज की वजह से 15 नवंबर को पति की मौत हो गई. मुस्कान काआरोप है कि अस्पताल के डरा-धमका कर शव सौंप दिया.
मुस्कान का आरोप है कि एमजे हॉस्पिटल में पति का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने गई थी तो डॉक्टर और स्टाफ ने 20 हजार रुपये की मांग की. इस पर अस्पताल के स्टाफ से उनकी बहस हो गई. अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु प्रमाणपत्र भी नहीं दिया. मुस्कान ने शुक्रवार को एमजे हॉस्पिटल के खिलाफ सीएमओ और पुलिस कमिश्नर से लिखित शिकायत कर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है.
एमजे हॉस्पिटल के संचालक डॉ जुनैद ने बताया कि अस्पताल ने पुलिस को साक्ष्य दे दिए हैं. कॉल डिटेल भी निकालने को कहा गया है, ताकि सच सामने आए. तीमारदारों के आरोप बेबुनियाद हैं. सीएमओ लखनऊ नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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