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उत्तराखंड में पार्किंग परियोजनाओं पर जोर, राज्य में पहली बार बनेंगी 10 टनल, 9 ऑटोमेटेड पार्किंग - Parking project in Uttarakhand

Parking project in Uttarakhand, 10 tunnel parking in Uttarakhand,9 automated parking lots in Uttarakhand उत्तराखंड में पार्किंग परियोजना पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में पहली बार 9 ऑटोमेटेड कार पार्किंग बनाई जाएंगी. इसके साथ ही राज्य में 10 स्थानों पर टनल पार्किंग भी बनाई जा रही है.

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उत्तराखंड में पार्किंग परियोजनाओं पर जोर ((PHOTO- DIPR))
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 12, 2024, 6:59 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. मौजूदा स्थिति यह है कि बढ़ते पर्यटकों की संख्या के चलते न सिर्फ जाम की स्तिथि बढ़ती जा रही है बल्कि वाहनों की पार्किंग की सुविधा न के बराबर होने के चलते पर्यटकों को तमाम समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार, राज्य में पहली बार टनल पार्किंग बनाए जाने पर जोर दे रही है. साथ ही प्रदेश के तमाम जगहों पर 169 पार्किंग बनाए जाने को लेकर स्थान चिन्हित करने के साथ ही पार्किंग बनाने के लिए धनराशि जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए प्रदेश में पहली बार टनल पार्किंग बनाने पर कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के पांच जिलों में 9 पार्किंग बनाई जा रही हैं. साथ ही राज्य के 169 जगहों पर पार्किंग निर्माण के लिए स्थान भी चिन्हित कर लिए गए हैं. प्रदेश भर में 169 स्थानों पर पार्किंग बनाने के बाद करीब 16,510 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा. वाहन पार्किंग की इन परियोजनाओं में से 57 स्थानों पर सरफेस पार्किंग, 93 स्थानों पर मल्टीलेवल कार पार्किंग, 9 स्थानों पर ऑटोमेटेड कार पार्किंग के साथ ही 10 जगहों पर टनल कार पार्किंग बनाई जाएगी.

राज्य में पहली बार 9 ऑटोमेटेड कार पार्किंग बनाई जाएंगी. जिसके तहत हरिद्वार जिले के 5, चमोली में 2, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले में एक एक स्थान पर ऑटोमेटेड कार पार्किंग बनाई जायेगी. इसी तरह, राज्य में पहली बार 10 स्थानों पर टनल पार्किंग बनाई जा रही है. जिसके तहत, टिहरी जिले में 3, नैनीताल जिले में 2, उत्तरकाशी जिले में 2, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पौड़ी जिले में एक एक टनल पार्किंग बनाई जाएगी. मौजूदा समय में 22 पार्किंग परियोजनायें पूरी हो चुकी हैं. साथ ही 169 पार्किंग परियोजनाओं में से 148 परियोजनाओं के लिए धनराशि जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. बाकी बची पार्किंग परियोजनाओं का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें-जोशीमठ हुआ ज्योतिर्मठ, कैंचीधाम भी बना तहसील, धामी सरकार के प्रस्तावों को केंद्र की मंजूरी - Joshimath Now Jyotirmath

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. मौजूदा स्थिति यह है कि बढ़ते पर्यटकों की संख्या के चलते न सिर्फ जाम की स्तिथि बढ़ती जा रही है बल्कि वाहनों की पार्किंग की सुविधा न के बराबर होने के चलते पर्यटकों को तमाम समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार, राज्य में पहली बार टनल पार्किंग बनाए जाने पर जोर दे रही है. साथ ही प्रदेश के तमाम जगहों पर 169 पार्किंग बनाए जाने को लेकर स्थान चिन्हित करने के साथ ही पार्किंग बनाने के लिए धनराशि जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए प्रदेश में पहली बार टनल पार्किंग बनाने पर कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के पांच जिलों में 9 पार्किंग बनाई जा रही हैं. साथ ही राज्य के 169 जगहों पर पार्किंग निर्माण के लिए स्थान भी चिन्हित कर लिए गए हैं. प्रदेश भर में 169 स्थानों पर पार्किंग बनाने के बाद करीब 16,510 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा. वाहन पार्किंग की इन परियोजनाओं में से 57 स्थानों पर सरफेस पार्किंग, 93 स्थानों पर मल्टीलेवल कार पार्किंग, 9 स्थानों पर ऑटोमेटेड कार पार्किंग के साथ ही 10 जगहों पर टनल कार पार्किंग बनाई जाएगी.

राज्य में पहली बार 9 ऑटोमेटेड कार पार्किंग बनाई जाएंगी. जिसके तहत हरिद्वार जिले के 5, चमोली में 2, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले में एक एक स्थान पर ऑटोमेटेड कार पार्किंग बनाई जायेगी. इसी तरह, राज्य में पहली बार 10 स्थानों पर टनल पार्किंग बनाई जा रही है. जिसके तहत, टिहरी जिले में 3, नैनीताल जिले में 2, उत्तरकाशी जिले में 2, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पौड़ी जिले में एक एक टनल पार्किंग बनाई जाएगी. मौजूदा समय में 22 पार्किंग परियोजनायें पूरी हो चुकी हैं. साथ ही 169 पार्किंग परियोजनाओं में से 148 परियोजनाओं के लिए धनराशि जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. बाकी बची पार्किंग परियोजनाओं का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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