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बिहार के सरकारी स्कूलों में होगी पेरेंट्स-टीचर मीटिंग, इस दिन अभिभावकों को आना होगा स्कूल - GOVERNMENT SCHOOLS OF BIHAR

बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों में महीने में एक दिन पेरेंट्स-टीचर मीटिंग की जाएगी. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है.

GOVERNMENT SCHOOLS OF BIHAR
सरकारी स्कूलों में होगी पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 19, 2024, 10:07 AM IST

पटना: बिहार के सरकारी विद्यालयों में हर महीने के एक शनिवार को पेरेंट्स टीचर मीट होगी. इसमें अभिभावकों को उनके बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानकारी दी जाएगी और उपस्थिति पर चर्चा होगी.

सरकारी स्कूलों में होगी पेरेंट्स-टीचर मीटिंग: मीटिंग में बेहतर उपस्थिति वाले बच्चों के अभिभावकों की प्रशंसा की जाएगी और कम उपस्थिति वाले बच्चों के अभिभावकों से कारण जाना जाएगा. इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है.

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शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (ETV Bharat)

महीने की किसी एक शनिवार को बैठक: शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार द्वारा सभी डीईओ को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि राज्य के सभी विद्यालयों में शनिवार को संगोष्ठी को कारगर बनाएं, ताकि इसके अच्छे परिणाम मिले. यह ध्यान रहे कि प्रधानाध्यापक द्वारा माह के प्रारंभ में ही संगोष्ठी की तिथि तय कर दी जाए.

मीटिंग की जानकारी देना अनिवार्य: निर्देश में आगे कहा गया है कि इसके संबंध में अभिभावकों को सूचित किया जाए. प्रधानाध्यापक यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अभिभावकों को फोन कॉल या शिक्षकों द्वारा व्यक्तिगत संपर्क कर आमंत्रित अवश्य किया जाए. वर्ग शिक्षक अपने कक्षा के लिए संगोष्ठी पंजी रखेंगे और प्रत्येक अभिभावक से चर्चा के बाद पंजी में चर्चा का सारांश दर्ज करेंगे.

बैठक में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर होगी चर्चा: शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने कहा है कि पेरेंट्स टीचर मीट में शिक्षक बच्चों के उस महीने की उपस्थिति साझा करेंगे. बच्चों को विद्यालय भेजने का अभिभावक से अनुरोध करेंगे. शिक्षक बच्चों के स्वच्छता आचरण के बारे में जानकारी देंगे. बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय की पोशाक में भेजने का भी अनुरोध करेंगे.

"इसके अलावा अभिभावक से बच्चों के धाराप्रवाह एवं गणितीय कौशल के बारे में बताएंगे. भाषा और गणित में कमजोर बच्चों में सुधार के लिए अभिभावक को कहेंगे और अभिभावकों से अनुरोध करेंगे कि बच्चों को घर में प्रतिदिन कम से कम एक घंटे के लिए हिंदी एवं अंग्रेजी के पाठ कराएं. इसके साथ ही बच्चों के होमवर्क पर भी बात की जाएगी."- पंकज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, शिक्षा विभाग

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पटना: बिहार के सरकारी विद्यालयों में हर महीने के एक शनिवार को पेरेंट्स टीचर मीट होगी. इसमें अभिभावकों को उनके बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानकारी दी जाएगी और उपस्थिति पर चर्चा होगी.

सरकारी स्कूलों में होगी पेरेंट्स-टीचर मीटिंग: मीटिंग में बेहतर उपस्थिति वाले बच्चों के अभिभावकों की प्रशंसा की जाएगी और कम उपस्थिति वाले बच्चों के अभिभावकों से कारण जाना जाएगा. इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है.

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शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (ETV Bharat)

महीने की किसी एक शनिवार को बैठक: शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार द्वारा सभी डीईओ को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि राज्य के सभी विद्यालयों में शनिवार को संगोष्ठी को कारगर बनाएं, ताकि इसके अच्छे परिणाम मिले. यह ध्यान रहे कि प्रधानाध्यापक द्वारा माह के प्रारंभ में ही संगोष्ठी की तिथि तय कर दी जाए.

मीटिंग की जानकारी देना अनिवार्य: निर्देश में आगे कहा गया है कि इसके संबंध में अभिभावकों को सूचित किया जाए. प्रधानाध्यापक यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अभिभावकों को फोन कॉल या शिक्षकों द्वारा व्यक्तिगत संपर्क कर आमंत्रित अवश्य किया जाए. वर्ग शिक्षक अपने कक्षा के लिए संगोष्ठी पंजी रखेंगे और प्रत्येक अभिभावक से चर्चा के बाद पंजी में चर्चा का सारांश दर्ज करेंगे.

बैठक में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर होगी चर्चा: शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने कहा है कि पेरेंट्स टीचर मीट में शिक्षक बच्चों के उस महीने की उपस्थिति साझा करेंगे. बच्चों को विद्यालय भेजने का अभिभावक से अनुरोध करेंगे. शिक्षक बच्चों के स्वच्छता आचरण के बारे में जानकारी देंगे. बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय की पोशाक में भेजने का भी अनुरोध करेंगे.

"इसके अलावा अभिभावक से बच्चों के धाराप्रवाह एवं गणितीय कौशल के बारे में बताएंगे. भाषा और गणित में कमजोर बच्चों में सुधार के लिए अभिभावक को कहेंगे और अभिभावकों से अनुरोध करेंगे कि बच्चों को घर में प्रतिदिन कम से कम एक घंटे के लिए हिंदी एवं अंग्रेजी के पाठ कराएं. इसके साथ ही बच्चों के होमवर्क पर भी बात की जाएगी."- पंकज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, शिक्षा विभाग

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