पटना: बिहार में पिछले कुछ वर्षों में आधे दर्जन से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हुए हैं. ताजा विवाद नीट पेपर लीक को लेकर हुआ पड़ा है. जहां पेपर लीक को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए है. प्रश्न पत्र लीक मामले में EOU जांच भी कर रही है. वहीं, कई अधिकारियों से पूछताछ भी किए जा रहे है. इस बीच एक सवाल यह उठ रहा है कि पिछले कई बार से जिस भी अधिकारी पर पेपर लीक का दाग लगता है तो सरकार उन्हें पद देकर पुरस्कृत कर देती है. आइए जानते है ऐसे ही कुछ मामले...
एस के सिंघल पर उठे थे सवाल: दरअसल, 1 अक्टूबर 2023 को बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा ली गई थी. इस दौरान पेपर लीक की बात सामने आई थी और जांच का जिम्मा आर्थिक अपराधिकारी को सौंपा गया था. इसके बाद परीक्षा को रद्द भी कर दिया गया था. इस बीच सिपाही भर्ती बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन एस के सिंघल की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे और आर्थिक अपराधिकारी ने उनसे पूछताछ भी की थी. बिहार सरकार ने सिपाही भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के पद से एस के सिंघल को हटा दिया था और उनकी जगह शोभा अहोतकर को प्रभार दी गई थी.
नीतीश ने मामले को किया इग्नौर: एस के सिंघल तब डीजीपी थे और विवादों में आए थे. पटना हाई कोर्ट के फर्जी न्यायाधीश के नाम पर आईपीएस आदित्य कुमार को लाभ पहुंचाने के मामले को लेकर बिहार सरकार की जमकर फजीहत हुई थी. नीतीश कुमार ने यह कहकर कार्रवाई करने से मना कर दिया था कि कुछ ही दिनों में उनकी रिटायरमेंट है. आईपीएस आदित्य कुमार ने बाद में सरेंडर किया और जेल भेजे गए. फिलहाल सरकार ने एस के सिंघल को एक और सम्मानित पद पर नियुक्त किया है. एस सिंघल को बिहार सरकार ने पावर होल्डिंग कॉरपोरेशन में सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त कर दिया.
अमरेंद्र कुमार पर भी लगा दाग: वहीं, लंबे अरसे बाद बीएससी प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न पत्र भी लीक हो गए थे और उसके बाद खूब बवाल मचा था. 67वीं बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र भी लीक हुए थे. जब प्रश्न पत्र लिख का मामला सामने आया था तब उसे समय बीपीएससी के एग्जाम कंट्रोलर अमरेंद्र कुमार थे. अमरेंद्र कुमार की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई थी और आर्थिक अपराध इकाई ने डीएसपी रंजीत रजक को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. विवाद खड़ा होने के बाद बिहार सरकार ने अमरेंद्र कुमार को लखीसराय का जिलाधिकारी बना दिया और आज की तारीख में वह बीएसएससी बोर्ड में सदस्य के पद पर तैनात हैं.
राजद ने साधा निशाना: वहीं, अब राष्ट्रीय जनता दल ने पूरे मामले पर सवाल उठाया हैं. RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि ''बिहार सरकार दागी अधिकारियों को सम्मानित कर रही है, जिस एस के सिंघल के कार्यकाल में सिपाही भर्ती प्रश्न पत्र लीक हुए उस अधिकारी को बड़े पद पर नियुक्त कर दिया गया. अमरेंद्र कुमार भी इसका उदाहरण है. ऐसे में अगर पोस्टिंग होती रहेगी तो प्रश्न पत्र लीक का मामला कभी नहीं थमेगा.''
दोषी को बक्शा नहीं जाएगा: इधर, भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि ''बिहार सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ चलती है और जिस किसी अधिकारी की संलिपिता पाई जाती है उसके खिलाफ कार्यवाही होती है. प्रश्न पत्र लीक मामले में भी जो कोई दोषी होगा उसे बक्शा नहीं जाएगा.''
कैसे थमेगा प्रश्न पत्र लीक मामला: वहीं, पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कहा कि ''पूर्व डीजीपी एस के सिंघल विवादित पदाधिकारी रहे हैं. इन पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. पटना उच्च न्यायालय के फर्जी न्यायाधीश को आईपीएस आदित्य कुमार ने मदद किया. इसके चलते सरकार की भी खूब फजीहत हुई थी. इसके अलावा अमरेंद्र कुमार का नाम भी बीपीएससी प्रश्न पत्र लेख मामले में सामने आया था उन्हें बीएससी का मेंबर नियुक्त कर दिया गया. ऐसे लोगों को सरकार फिर से बड़े पद पर नियुक्त कर देती है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐसे अधिकारियों को आगे बढ़ाया जाएगा तो प्रश्न पत्र लीक मामला कैसे थमेगा.''
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