पांवटा साहिब: सिरमौर जिले के तहत पांवटा साहिब में यमुना नदी पर बने हिमाचल व उत्तराखंड की सीमा को जोड़ने वाले पुल पर खतरा मंडरा रहा है. 5 दशकों पुराना ये पुल खतरे की जद में है. हालांकि पुल की मरम्मत का काम होना है, लेकिन वैकल्पिक मार्ग न मिलने की वजह से अभी तक पुल की मरम्मत का काम शुरू नहीं हो पाया है.
बेलगाम खनन माफिया और विभागों की लापरवाही पांवटा-कुल्हाल पुल के अस्तित्व पर खतरा बनती जा रही है. इस पुल पर रोजाना क्षमता से अधिक भार वाले वाहन गुजर रहे हैं. जिसके चलते पुल लगातार कमजोर हो रहा है. ऐसे में इस पुल पर कभी भी कोई बड़ा नुकसान हो सकता है. ये पुल ओवरलोड वाले भारी वाहनों के कारण खतरे में है. यमुना नदी पर बना ये पुल हिमाचल और उत्तराखंड की सीमाओं को जोड़ता है. इस पुल का कुछ हिस्सा हिमाचल प्रदेश का है और कुछ हिस्सा उत्तराखंड का है. हिमाचल प्रदेश के राजस्व में अच्छी खासी आमदनी का हिस्सा इस पुल से जाता है. वहीं, अक्सर इस पांवटा-कुल्हाल पुल पर जाम की स्थिति देखने को मिलती है. ऐसे में पुल पर होने वाली कंपन से पुल से गुजरने वाले यात्री भी सहम जाते हैं.
हिमाचल सरकार में वॉइस प्रेसिडेंट HPCC एवं पूर्व विधायक किरनेश जंग ने बताया कि जल्द ही इस पुल की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा, क्योंकि हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाला ये एकमात्र पुल है. फिलहाल इस पुल पर लगातार आवाजाही बनी रहती है, ऐसे में वैकल्पिक मार्ग के लिए प्रशासन से बात की जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले पुल का वन लेन का काम शुरू किया जाएगा, ताकि राहगीरों और वाहन चालकों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि पुल को ऐसा कोई खतरा नहीं है कि ये धाराशाई हो जाए.
वहीं, एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत चीमा ने बताया कि जल्दी ही पुल के मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. फिलहाल बड़े वाहनों के लिए यमुना नदी से भी रास्ता दिया जा सकेगा, लेकिन जो छोटे वाहन होंगे उन्हें ज्यादा पानी होने की वजह से दिक्कत हो सकती है. जिसके लिए विश्वकर्मा चौक, देवीनगर से होते हुए भंगानी होकर उत्तराखंड के लिए वाहनों कों रास्ता दिया जा सकता है. उन्होंने बताया की फिलहाल IIT रुड़की की ओर से दी गई रिपोर्ट के मुताबिक पुल का अस्तित्व खतरे की जद में है और इसे असुरक्षित घोषित किया गया है.
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