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शिकार सामने, पर मुंह फेर चला गया 'शिकारी', वन विभाग के लिए पहेली बना पैंथर - Machia Biological Park

Panther Spotted in Machia, माचिया बायोलॉजिकल पार्क में पैंथर का मूवमेंट दिखने के बाद उसके रेस्क्यू के प्रयास जारी हैं. हालांकि, पैंथर रात में तो सीसीटीवी में नजर आता है, लेकिन दिन में नजर नहीं आता, जिससे वन विभाग के लिए उसे पकड़ना चुनौती बना हुआ है.

माचिया बायोलॉजिकल पार्क में पैंथर
माचिया बायोलॉजिकल पार्क में पैंथर (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 15, 2024, 1:44 PM IST

माचिया बायोलॉजिकल पार्क में पैंथर. (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. माचिया बायोलॉजिकल पार्क क्षेत्र में घूम रहा पैंथर पहेली बना हुआ है. बीएसएफ के जवान रात को थर्मल ड्रोन की सहायता से उसकी तलाश कर रहे हैं. पैंथर रात को ड्रोन के कैमरे में कई बार नजर आ चुका है, लेकिन अभी पकड़ से बाहर है. शनिवार सुबह पैंथर के माचिया से बाहर निकलने की जानकारी सामने आ रही है. उसके पगमार्क भी मिले हैं, लेकिन विभाग ने अभी पार्क के अंदर तलाशी रोकी नहीं है. पिछले करीब 20 दिनों से पैंथर लगातर वन विभाग को छका रहा है. इस दौरान कई बार वह सीसीटीवी फुटेज में नजर आ चुका है. गुरुवार रात को ही पैंथर उसके लिए लगाए पिंजरे के पास नजर आया. विभाग ने वहां इस बार खुले में बकरी को बांधा, लेकिन पैंथर ने उसका शिकार नहीं किया. पैंथर की तलाश में बीएसएफ दल एचएचटी आई (हंड-हल्ड थर्मल इमेजर) का उपयोग कर रहा है, लेकिन फिलहाल अभी सफलता नहीं मिली है.

कई बार बंद किया गया माचिया को : पैंथर के माचिया में घुस जाने से कई बार यहां लोगों का प्रवेश रोका गया, पार्क को बंद भी करना पड़ा. वापस शुरू किया तो पार्क में जगह-जगह पर वन कर्मी तैनात किए गए, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं हो. शुक्रवार को भी प्रवेश बंद रखा गया था. छुट्टियों के बावजूद माचिया इस दौरान 20 दिन बंद रहा है. उपवन संरक्षक वन्यजीव सरिता कुमारी के अनुसार माचिया वनखंड में स्थित पैंथर के माचिया सफारी पार्क में घुसने के सारे रास्ते बंद कर दिए गए. शनिवार सुबह व्यापक तलाशी अभियान चलाने के बाद पार्क खोला गया.

पढ़ें. खदान में आराम फरमाता नजर आया पैंथर का परिवार, ग्रामीणों में दहशत, देखिए वीडियो

रात को नहीं कर सकते ट्रेंकुलाइज: नेशनल टाइगर कंजरवेटिव अथॉरिटी के अनुसार रात में किसी पैंथर या टाइगर को ट्रेंकुलाइज नहीं कर सकते, क्योंकि इनको ट्रेंकुलाइज के दौरान पैंथर की उम्र के लिहाज से दवा भरी जाती है. कई बार वो दूर तक भाग जाते हैं, फिर उन्हें ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता है. कई बार हाई डोज से इनकी मौत भी हो जाती है. ऐसे में रात में अगर ट्रेंकुलाइज किया जाता है और वो जंगल या पहाड़ में डर से भाग सकता है और अनहोनी संभव है. यह वन्यजीव अपराध की श्रेणी में आता है.

माचिया बायोलॉजिकल पार्क में पैंथर. (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. माचिया बायोलॉजिकल पार्क क्षेत्र में घूम रहा पैंथर पहेली बना हुआ है. बीएसएफ के जवान रात को थर्मल ड्रोन की सहायता से उसकी तलाश कर रहे हैं. पैंथर रात को ड्रोन के कैमरे में कई बार नजर आ चुका है, लेकिन अभी पकड़ से बाहर है. शनिवार सुबह पैंथर के माचिया से बाहर निकलने की जानकारी सामने आ रही है. उसके पगमार्क भी मिले हैं, लेकिन विभाग ने अभी पार्क के अंदर तलाशी रोकी नहीं है. पिछले करीब 20 दिनों से पैंथर लगातर वन विभाग को छका रहा है. इस दौरान कई बार वह सीसीटीवी फुटेज में नजर आ चुका है. गुरुवार रात को ही पैंथर उसके लिए लगाए पिंजरे के पास नजर आया. विभाग ने वहां इस बार खुले में बकरी को बांधा, लेकिन पैंथर ने उसका शिकार नहीं किया. पैंथर की तलाश में बीएसएफ दल एचएचटी आई (हंड-हल्ड थर्मल इमेजर) का उपयोग कर रहा है, लेकिन फिलहाल अभी सफलता नहीं मिली है.

कई बार बंद किया गया माचिया को : पैंथर के माचिया में घुस जाने से कई बार यहां लोगों का प्रवेश रोका गया, पार्क को बंद भी करना पड़ा. वापस शुरू किया तो पार्क में जगह-जगह पर वन कर्मी तैनात किए गए, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं हो. शुक्रवार को भी प्रवेश बंद रखा गया था. छुट्टियों के बावजूद माचिया इस दौरान 20 दिन बंद रहा है. उपवन संरक्षक वन्यजीव सरिता कुमारी के अनुसार माचिया वनखंड में स्थित पैंथर के माचिया सफारी पार्क में घुसने के सारे रास्ते बंद कर दिए गए. शनिवार सुबह व्यापक तलाशी अभियान चलाने के बाद पार्क खोला गया.

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रात को नहीं कर सकते ट्रेंकुलाइज: नेशनल टाइगर कंजरवेटिव अथॉरिटी के अनुसार रात में किसी पैंथर या टाइगर को ट्रेंकुलाइज नहीं कर सकते, क्योंकि इनको ट्रेंकुलाइज के दौरान पैंथर की उम्र के लिहाज से दवा भरी जाती है. कई बार वो दूर तक भाग जाते हैं, फिर उन्हें ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता है. कई बार हाई डोज से इनकी मौत भी हो जाती है. ऐसे में रात में अगर ट्रेंकुलाइज किया जाता है और वो जंगल या पहाड़ में डर से भाग सकता है और अनहोनी संभव है. यह वन्यजीव अपराध की श्रेणी में आता है.

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