पन्ना: ग्रीन इंडिया मिशन द्वारा वन विभाग के सहयोग से दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले प्रोडक्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस आधुनिक युग में प्रकृति व पर्यावरण के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कम लागत में गोबर से तैयार होने वाली सामग्री को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए दक्षिण वन मंडल पन्ना के पवई में अरण्य भवन में 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया.
महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
ग्रीन इंडिया के मिशन के तहत लोकल उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. उत्तरकाशी से आए हुए विशेषज्ञ द्वारा पवई क्षेत्र की महिलाएं और युवक, युवतियों को शुद्ध गोबर से मोमेंटो, दिया, नेम प्लेट, घर में सजाए जाने वाले झालर और मूर्तियां सहित कई तरह के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. वन मंडल अधिकारी अनुज शर्मा ने कहा, "इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और गौ संरक्षण, महिला सशक्तिकरण एवं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा."
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हर महीने 15 से 20 हजार की इनकम
उत्तरकाशी से आए प्रशिक्षक नीरज कुमार ने कहा, "गोबर से बने उत्पाद को कोई भी व्यक्ति बेच कर महीने में 15 से 20 हजार रुपए कमा सकता है. वहीं, इस प्रकार के जो उत्पाद गोबर से बनाए जाते हैं, उसमें कोई केमिकल नहीं होता है, जिससे पर्यावरण और इंसान दोनों को ही कोई नुकसान नहीं है."