पन्ना: जिले में एक ऐसा स्कूल मौजूद है जहां बच्चों के आने-जाने के लिए रोड नहीं है. प्रतिदिन बच्चों और शिक्षकों को खेतों की मेड़ से स्कूल जाना पड़ता है. स्थिति बरसात के मौसम में और ज्यादा खराब हो जाती है. शिक्षक कीचड़ भरे रास्ते से जाते हैं लेकिन बच्चों के लिए स्कूल जाना बेहद कठिन होता है. वहीं आम दिनों में छोटे बच्चों को जहरीले जीव जंतुओं का डर रहता है.
कठिन है स्कूल की डगर
जिले के हरदुआ पंचायत में शासकीय प्राथमिक शाला हरदुआ केन विद्यालय मौजूद है. यह स्कूल पवई विधानसभा के अंतर्गत आता है, विद्यालय में आने-जाने के लिए सार्वजनिक रास्ता नहीं है. छात्र और छात्राएं खेतों की मेड़ के सहारे स्कूल आते-जाते हैं. बरसात के दिनों में स्कूल जाने के लिए एकमात्र सहारा खेतों की मेड़ है, और वो पानी से खतरनाक हो जाती हैं.
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रोड के लिए नहीं उठाया गया कोई ठोस उपाय
संस्था के प्रभारी नरोत्तम कोरी ने कहा, " जब मैंने यहां जॉइन किया था, उस समय स्कूल की स्थिति बहुत खराब थी. स्कूल का काम करने के लिए फंड आया था तो उसी पैसे से फर्श को सीमेंट से पक्का कराया था. अब स्कूल की स्थिति कुछ बेहतर हुई है. स्कूल की जमीन गांव के किसी किसान ने दान की थी. यही कारण है कि स्कूल खेतों के बीच में स्थित है. स्कूल के लिए रास्ता नहीं है, इसकी सभी लोगों को जानकारी है. लेकिन किसी ने कारगर उपाय नहीं किए हैं. बरसात के मौसम में स्थिति और खराब हो जाती हैं. बच्चों को आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है."