पन्ना। पन्ना जिला ऐतिहासिक धरोहर से भरपूर है. इसकी धरोहरों की जितनी भी बात की जाए कम है. ऐसा ही मामला पन्ना नगर में स्थित महेंद्र भवन (महल) परिसर में स्थित राजघराने द्वारा बनाई गई बावड़ी है. जिससे आज भी पन्ना नगर में टैंकर से जल सप्लाई प्रतिदिन की जाती है. लेकिन बावड़ी का पानी कम होने का नाम नहीं लेता. राजा की बावड़ी से जितना भी पानी निकाला जाता है वह कुछ समय में ज्यों की त्यों हो जाती है. लोगों की मांग है कि महेंद्र भवन महल में स्थित राजा की बावड़ी को ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल होना चाहिए.
बावड़ी के निर्माण में दिख रहा कारीगरों का हुनर
ये बावड़ी गोलाकार है. नीचे पानी तक पहुंचने के लिए घुमावदार दोहरी सीढ़ियां बनी हुई हैं, जो पुराने कारीगरों के हुनर को दर्शाती हैं. प्रशासन द्वारा देखरेख न करने के कारण बावड़ी का बहुत सारा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है. सीढ़ियां भी टूट गई हैं. बावड़ी के दोनों किनारे पर बरगद एवं घासफूस उग आए हैं. बावड़ी के अंदर जल सप्लाई के लिए पाइप लाइन भी डाली गई है, जिससे स्ट्रक्चर भी प्रभावित हुआ है. ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों को प्रशासन को ध्यान देकर संजोने का काम करना चाहिए.
महेंद्र भवन की भव्यता पन्ना शहर की शान
राजघराने की ऐतिहासिक भव्यता के कारण पन्ना शहर की शान बना महेन्द्र भवन अब हैरिटेज होटल में तब्दील हो रहा. पर्यटक यहां रॉयल लाइफ का आनंद उठा पाएंगे. बता दें कि महेन्द्र भवन पर पन्ना राज परिवार ने अपनी निजी संपत्ति होने का दावा किया था. कहा था कि उन्होंने इसे शासन को उपयोग के लिए किराए पर दिया था परंतु शासन ने उनका दावा खारिज कर दिया. पूर्व में यहां कलेक्ट्रेट ऑफिस, न्यायालय भी लगता था, जो अब नवीन भवन में शिफ्ट हो गया है.