लखनऊ: समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पल्लवी पटेल की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को सदन में बोलने की अनुमति न दिए जाने से पल्लवी पटेल नाराज हो गई थीं और सदन से बाहर विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गई थीं. करीब नौ घंटे तक वह धरने पर बैठी रहीं. सोमवार रात करीब 11 बजे प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना उनसे मिलने पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि कल सदन में बोलने का अवसर जरूर मिलेगा. इसके बाद पल्लवी पटेल ने धरना खत्म कर दिया था, लेकिन मंगलवार को फिर जब उन्हें बोलने का अवसर नहीं मिला तो वह फिर नाराज हो गईं और मीडिया के सामने उन्होंने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर प्रहार किया.
विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि कल रात 11 बजे तक विधानसभा परिसर में मैं आंदोलन करती रही. उसके बाद संसदीय कार्य मंत्री जैसा अनुभवी और वरिष्ठ व्यक्ति और विधानसभा अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रमुख सचिव जैसा सीनियर ब्यूरोक्रेट मेरे पास आते हैं. आश्वासन देते हैं कि मंगलवार को सदन में बात रखने का मौका मिलेगा. मैंने उनकी बात पर विश्वास किया, लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार और सदन के अध्यक्ष ने अपना चाल, चरित्र और चेहरा दिखा दिया. उन्होंने बताने का काम किया कि उनका एजेंडा हिंदू मुस्लिम या मंदिर मस्जिद है. उसी की आड़ में वह इस प्रदेश को लूटेंगे, लेकिन भ्रष्टाचार पर बात नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य भ्रष्टाचार पर राजनीति करने का नहीं था. मैं सिर्फ सरकार में हुए बड़े घोटाले को सबके सामने लाना चाहती थी और उस पर जवाब चाहती थी. मुझे मौका नहीं दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष की जो प्रतिबद्धता है वह सदन और प्रदेश की जनता के लिए नहीं है, उनकी प्रतिबद्धता सिर्फ बीजेपी के लिए है. वह सिर्फ बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं.
पल्लवी पटेल ने कहा कि बड़ी चालाकी से अंधेर नगरी चौपट राजा वाली राजनीति हो रही है. भारतीय जनता पार्टी और विधानसभा अध्यक्ष नियमों का हवाला देकर अपनी सरकार में जो घोटाले हुए हैं, जो भ्रष्टाचार हुआ है, उस पर लीपापोती कर रहे हैं. उसे छुपाने का काम कर रहे हैं.
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