बिलासपुर: मंगलवार सुबह से शुरू हुए फिलिस्तीनी झंडे का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में बवाल बढ़ने के बाद तारबाहर पुलिस ने झंडा लगाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद परिजन उन्हें छोड़ने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए.
बिलासपुर में फिलिस्तीनी झंडा: 17 सितंबर को तारबाहर थाना क्षेत्र में कथित एक वर्ग के कुछ लड़कों ने सड़क पर फिलिस्तीन का झंडा लहरा दिया. जिस पर हिन्दू जागरण मंच व हिन्दू संगठन ने उन पर कार्रवाई के लिए थाने का घेराव कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने मामले में पांच लोगों की पहचान कर गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद परिजनों ने जमानत के लिए आवेदन किया. सिटी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर के बिना जमानत की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई, जिसकी वजह से गिरफ्तार पांचों आरोपियों की रिहाई नहीं हो सकी.
सिटी मजिस्ट्रेट पर जानबूझकर हस्ताक्षर नहीं करने का आरोप: जमानत प्रक्रिया को पूरा करने की मांग करते हुए परिजनों सहित सैकड़ों लोगों ने बुधवार देर शाम कलेक्ट्रेट के सामने चक्का जाम कर दिया. आरोपी पक्ष की वकील प्रियंका शुक्ला ने आरोप लगाया कि रिहाई का आदेश होने के बाद भी पांच लोगों को रिहा नहीं किया जा रहा है. सिटी मजिस्ट्रेट ने अब तक रिहाई आदेश पर हस्ताक्षर नहीं किया, जिस वजह से गिरफ्तार लोग बाहर नहीं आ पा रहे हैं. वकील ने आरोप लगाया कि जिस काम के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को अप्वाइंट किया गया है उस काम को वह ठीक से नहीं कर रहे हैं.
वकील के आरोपों को एसडीएम ने बताया बेबुनियाद: बिलासपुर कलेक्ट्रेट के सामने जाम की सूचना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. किसी तरह स्थिति पर काबू पाकर नारेबाजी कर रहे लोगों को सड़क से हटाया गया. लेकिन देर रात तक अपनी मांग को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में परिजन डटे रहे. एसडीएम पीयूष तिवारी ने वकील के आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि रिहाई के लिए एक प्रक्रिया होती है, उसके अनुसार ही सारे काम किए जा रहे हैं. एसडीएम ने कहा कि चक्काजाम को हटा दिया गया है. विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.