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उत्तर वाहिनी गंगा का जल लेने देश-विदेश से आते हैं शिव भक्त, सुंदर पत्नी से लेकर सरकारी नौकरी की मांगते हैं मनौती - Pahleja Ghat

Ganga northern stream उत्तर से दक्षिण की ओर बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा का जल लेने के लिए 11 शिवालयों के शिव भक्त देश-विदेश से आते हैं. नेपाल, बनारस, उज्जैन से लेकर गरीब स्थान पर जलाभिषेक के लिए शिव भक्त यहां से गंगाजल उठते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां से गंगा जल लेकर चढ़ाने वालों की मनोकामना पूरी होती है. पढ़ें, विस्तार से.

पहलेजा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़.
पहलेजा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 19, 2024, 5:35 PM IST

पहलेजा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़. (ETV Bharat)

वैशाली: जिले के सोनपुर प्रखंड में पड़ने वाले पहलेजा घाट पर उत्तर वाहिनी गंगा है. उत्तर की ओर से आकर दक्षिण दिशा की ओर प्रस्थान करती है. यहां से 11 अलग-अलग शिवालयों पर जलाभिषेक के लिए लोग गंगा जल लेने पहुंचते हैं. वैसे तो ज्यादातर कांवरिया पहलेजा घाट से जल लेकर लगभग 75 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर के गरीब स्थान जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं.

नेपाल से आते हैं श्रद्धालुः इनके अलावे हजारों की संख्या में ऐसे भी कांवरिया है जो पहलेजा घाट से जल लेकर बाबा गरीब स्थान के अलावा चौमुखी महादेव वैशाली, केसरिया महादेव केसरिया, बटेश्वर महादेव महनार, पातालेश्वर महादेव हाजीपुर, हरिहरनाथ बाबा सोनपुर, व कंठ पकड़ी महादेव लालगंज आदि जगहों पर पैदल ही यात्रा करते हैं. जबकि इनके अलावा नेपाल के पशुपतिनाथ बाबा, उज्जैन के महाकाल, बनारस के बाबा विश्वनाथ आदि द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर भी जल चढ़ाने के लिए शिव भक्त यहां से जल लेकर जाते हैं.

गंगा जल भरते श्रद्धालु.
गंगा जल भरते श्रद्धालु. (ETV Bharat)

क्या है मान्यताः इसके पीछे वजह बताई जाती है उत्तर वाहिनी गंगा का होना. स्थानीय पांडा शिवकुमार पांडे ने बताया कि पहलेजा घाट से जल लेने बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. सीतामढ़ी, मोतिहारी, रक्सौल, जनकपुर से नेपाल से बाबा गरीब नाथ, केसरिया धाम के लिए जल भरने के लिए सावन महीना में लोग आते हैं. बाबा हरिहरनाथ के लिए भी जल लेते हैं. यहां की खासियत यह है कि यहां उत्तर से गंगा जी आती है और दक्षिण में जाती है. यही खासियत है यहां उत्तर वाहिनी गंगा है.

मन्नत मांगने आते हैं लोगः पहलेजा घाट से उत्तर वाहिनी गंगाजल लेकर शिव भक्त विभिन्न शिवालयों पर जलाभिषेक करने पैदल ही जाते हैं. इनमें कई लोगों की कई मनौतिया भी शामिल होती है किसी को सुंदर पत्नी चाहिए होती है तो किसी को बेटा किसी को व्यापार तो किसी को सरकारी नौकरी, कोई ग्रह बाधा से मुक्त होना चाहता है तो किसी की कोई और मनौती हो सकती है.

पहलेजा घाट.
पहलेजा घाट. (ETV Bharat)

मनोकामना होती है पूरीः मनौतियों को लेकर लालगंज के रहने वाले अशोक कुमार ने बताया कि अभी पहली बार हम यहां पर आए हैं. आए हैं इसी खुशी में की मेरी शादी हो गई है दो बच्ची है बेटा के लिए यहां पर आए हैं मेरा दो बच्ची हो गया है एक बेटा मांगने के लिए हम यहां पर आए हुआ है. मेरा घर हुआ महादेव पकड़ी कंठ लालगंज. एक और शिव भक्त करण कुमार ने बताया कि 3 साल डाक बम जा चुके हैं क्योंकि हमें बहुत अच्छा लगता है बोल बम जाने में बहुत सुकून मिलता है.

'यहां से 11 धाम तक जल लेकर के लोग जाते हैं जिसमें गरीब स्थान, केसरिया, हरिहरनाथ, महाकालेश्वर उज्जैन व बनारस भी शामिल है. यहां की खासियत यह है कि यहां उत्तर से गंगा जी आती है और दक्षिण में जाती है. यही खासियत है यहां उत्तर वाहिनी गंगा है. गंगा जी और बम की कृपा होती है आमदनी होती है'- विशाल कुमार पांडे, स्थानीय पंडित

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पहलेजा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़. (ETV Bharat)

वैशाली: जिले के सोनपुर प्रखंड में पड़ने वाले पहलेजा घाट पर उत्तर वाहिनी गंगा है. उत्तर की ओर से आकर दक्षिण दिशा की ओर प्रस्थान करती है. यहां से 11 अलग-अलग शिवालयों पर जलाभिषेक के लिए लोग गंगा जल लेने पहुंचते हैं. वैसे तो ज्यादातर कांवरिया पहलेजा घाट से जल लेकर लगभग 75 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर के गरीब स्थान जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं.

नेपाल से आते हैं श्रद्धालुः इनके अलावे हजारों की संख्या में ऐसे भी कांवरिया है जो पहलेजा घाट से जल लेकर बाबा गरीब स्थान के अलावा चौमुखी महादेव वैशाली, केसरिया महादेव केसरिया, बटेश्वर महादेव महनार, पातालेश्वर महादेव हाजीपुर, हरिहरनाथ बाबा सोनपुर, व कंठ पकड़ी महादेव लालगंज आदि जगहों पर पैदल ही यात्रा करते हैं. जबकि इनके अलावा नेपाल के पशुपतिनाथ बाबा, उज्जैन के महाकाल, बनारस के बाबा विश्वनाथ आदि द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर भी जल चढ़ाने के लिए शिव भक्त यहां से जल लेकर जाते हैं.

गंगा जल भरते श्रद्धालु.
गंगा जल भरते श्रद्धालु. (ETV Bharat)

क्या है मान्यताः इसके पीछे वजह बताई जाती है उत्तर वाहिनी गंगा का होना. स्थानीय पांडा शिवकुमार पांडे ने बताया कि पहलेजा घाट से जल लेने बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. सीतामढ़ी, मोतिहारी, रक्सौल, जनकपुर से नेपाल से बाबा गरीब नाथ, केसरिया धाम के लिए जल भरने के लिए सावन महीना में लोग आते हैं. बाबा हरिहरनाथ के लिए भी जल लेते हैं. यहां की खासियत यह है कि यहां उत्तर से गंगा जी आती है और दक्षिण में जाती है. यही खासियत है यहां उत्तर वाहिनी गंगा है.

मन्नत मांगने आते हैं लोगः पहलेजा घाट से उत्तर वाहिनी गंगाजल लेकर शिव भक्त विभिन्न शिवालयों पर जलाभिषेक करने पैदल ही जाते हैं. इनमें कई लोगों की कई मनौतिया भी शामिल होती है किसी को सुंदर पत्नी चाहिए होती है तो किसी को बेटा किसी को व्यापार तो किसी को सरकारी नौकरी, कोई ग्रह बाधा से मुक्त होना चाहता है तो किसी की कोई और मनौती हो सकती है.

पहलेजा घाट.
पहलेजा घाट. (ETV Bharat)

मनोकामना होती है पूरीः मनौतियों को लेकर लालगंज के रहने वाले अशोक कुमार ने बताया कि अभी पहली बार हम यहां पर आए हैं. आए हैं इसी खुशी में की मेरी शादी हो गई है दो बच्ची है बेटा के लिए यहां पर आए हैं मेरा दो बच्ची हो गया है एक बेटा मांगने के लिए हम यहां पर आए हुआ है. मेरा घर हुआ महादेव पकड़ी कंठ लालगंज. एक और शिव भक्त करण कुमार ने बताया कि 3 साल डाक बम जा चुके हैं क्योंकि हमें बहुत अच्छा लगता है बोल बम जाने में बहुत सुकून मिलता है.

'यहां से 11 धाम तक जल लेकर के लोग जाते हैं जिसमें गरीब स्थान, केसरिया, हरिहरनाथ, महाकालेश्वर उज्जैन व बनारस भी शामिल है. यहां की खासियत यह है कि यहां उत्तर से गंगा जी आती है और दक्षिण में जाती है. यही खासियत है यहां उत्तर वाहिनी गंगा है. गंगा जी और बम की कृपा होती है आमदनी होती है'- विशाल कुमार पांडे, स्थानीय पंडित

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